Sunday 7 December 2014

पीरियड्स नहीं बनेंगे परेशानी


हर माह तय समय पर पीरियड्स न शुरू होना महिलाओं की एक आम समस्या है पर, कई बार इस आम परेशानी में किसी गंभीर बीमारी के संकेत भी छुपे होते हैं। अनियमित पीरियड्स का क्या है कारण और समाधान जानते हैं इसके बारे में-
मासिक धर्म या पीरियड्स हर माह हर युवती की जिंदगी में तीन से पांच दिन तक रहता है। दूसरे शब्दों में कहें तो, इस समय गर्भाशय से स्त्राव होता है। मासिक चक्र आपकी प्रजनन प्रणाली में परिवर्तन लाता है, जिससे महिलाएं प्रजनन के लिए तैयार होती हैं। इससे माह के 5-7 दिनों तक गर्भाशय की गर्भधारण की क्षमता बढ़ती है। यह क्षमता प्रत्येक महिला में अलग-अलग होती है और कुछ में यह महीने में केवल 2-3 दिनों की भी होती है। प्रजनन प्रणाली प्रत्येक महिला में 12-16 वर्ष की आयु से शुरू होकर मेनोपॉज तक चलती है।
अनियमित मासिक धर्म उस तरह के रक्तस्त्राव को कहते हैं जो किसी महिला में पिछले माह के चक्र से अलग होता है। ऐसे में माहवारी देर से या समय से काफी पहले शुरू हो जाती है और उस दौरान रक्तस्त्राव सामान्य या उससे कहीं अधिक होता है। स्वस्थ महिला के शरीर में एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और टेस्टोस्टेरोन जैसे तीन हार्मोन्स मौजूद होते हैं। कभी-कभार इन हार्मोन्स में गड़बड़ हो जाती है जिसके कारण मासिक धर्म प्रक्रिया में परिवर्तन आते दिखते हैं।

क्या है कारण

गर्भावस्था: किसी माह मासिक धर्म न आना गर्भ ठहरने का भी संकेत हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में अलग तरह के हॉर्मोन्स बनते हैं और इस दौरान मासिक धर्म रुक जाता है।
मेनोपॉज: यदि किसी महिला की आयु 50 के आसपास है तो ऐसे में अनियमित मासिक धर्म होना बहुत सामान्य बात है। हालांकि इस दौरान डॉक्टर की सलाह लेने में कोई हर्ज नहीं होना चाहिए।
यौवनारंभ: मासिक धर्म की शुरुआत में किसी युवती को यदि पहले दो वर्षों तक अनियमित मासिक धर्म की शिकायत रहती है तो यह बहुत सामान्य प्रक्रिया है, परंतु यदि यह हालत लंबी चले तो डॉक्टर से जरूर मशविरा करना चाहिए।
खानपान में गड़बड़ी: अनियमित खानपान, वजन घटना या सामान्य से अधिक बढ़ जाना भी मासिक धर्म में अनियमितता का कारण होते हैं। इसलिए उचित खानपान के साथ अपने वजन को सामान्य बनाए रखने के प्रयास करना चाहिए।
तनाव की अधिकता: तनाव से उपजने वाले हॉर्मोन्स का एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन पर सीधा असर पड़ता है और रक्तस्त्राव में अनियमितता आती है।
ज्यादा व्यायाम: अधिक व्यायाम से हॉर्मोनल संतुलन में बदलाव आता है। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन आपकी मासिक धर्म प्रक्रिया को सामान्य रखते हैं और जरूरत से ज्यादा व्यायाम से एस्ट्रोजन की संख्या में वृद्घि होती है, जिस कारण पीरियड्स रुक जाते हैं।
बीमारी: महिलाएं एक माह या उससे अधिक समय तक बीमार रहती हैं तो ऐसे में उनके रक्तस्त्राव में अलग-अलग तब्दीलियां आ सकती हैं।
थायरॉइड डिसॉर्डर: थायरॉइड के कारण भी यदा-कदा असामान्य मासिक धर्म हो सकता है, इसके कारण समूचे पीरियड्स चक्र पर असर पड़ता है। ऐसे में खून की जांच करा लेना ठीक रहता है।

ऐसे दूर होगी परेशानी

  • डॉक्टर को अपनी हर समस्या के बारे में बताएं। संकोच न करें और फिर विस्तारपूर्वक सलाह लें।
  • डॉक्टर से खानपान से जुड़ी जानकारी लें। तली, डिब्बाबंद, चिप्स, केक, बिस्कुट और मीठे पेय आदि अधिक न लें। सही मासिक धर्म के लिए स्वस्थ भोजन का चयन बहुत जरूरी है।
  • सीमा में ही खाएं। पौष्टिक भोजन का ही सेवन करने का प्रयास करें। अनाज, मौसमी फल और सब्जियां, पिस्ता-बादाम, कम वसा वाले दूध से बने आहार भी रोज की खुराक में शामिल करें।
  • दिन की शुरुआत हमेशा 2-3 गिलास पानी पीकर करें और पूरे दिन में 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं। पानी से शरीर के टॉक्सिंस निकल जाते हैं और इससे आप फिट रहती हैं।
  • वजन और कमर के आकार को नियंत्रित बनाए रखें। इसलिए नियमित रूप से व्यायाम करें, लेकिन स्वयं पर बहुत अधिक दबाव न डालें।
  • रागी, जई, हरी पत्ती वाली सब्जियों और स्किम्ड मिल्क उत्पादों का सेवन नियमित रूप से किया जाना चाहिए।

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