Monday 30 January 2023

गणतंत्र दिवस पर डॉक्टर द्विवेदी लगातार तीसरी बार सम्मानित

इंदौर। कुछ ही समय पूर्व भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अन्तर्गत केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद की


वैज्ञानिक सलाहकार समिति में लगातार तीसरी बार सदस्य मनोनीत किए गए शहर के सुप्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. ए.के. द्विवेदी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर लगातार तीसरी बार सम्मानित किया गया है।

होम्योपैथिक चिकित्सा एवं शिक्षा के क्षेत्र में लगातार किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों के लिए उन्हें यह सम्मान इंदौर के नेहरू स्टेडियम में 26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित मुख्य समारोह में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट द्वारा प्रदान किया


गया। इस मौके पर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी, पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र, अपर पुलिस आयुक्त मनीष कपूरिया, अपर कलेक्टर अजय देव शर्मा समेत अनेक अधिकारी, गणमान्य जन एवं राजनीतिक हस्तियां मौजूद थीं।

कार्यक्रम में विभिन्न प्लाटूनों द्वारा जहाँ बैंड की धुन पर कदमताल कर शानदार परेड भी प्रस्तुत की गई वहीं रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी प्रदर्शन किया गया। विभिन्न विभागों द्वारा राज्य शासन की योजनाओं, कार्यक्रमों और उपलब्धियों पर आधारित नयनाभिराम झांकियां भी निकाली गईं। परेड का नेतृत्व परेड कमांडर रक्षित निरीक्षक जय सिंह तोमर ने किया।

उल्लेखनीय है कि डॉ. द्विवेदी ने हाल ही में इंदौर में संपन्न प्रवासी भारतीय सम्मेलन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर उन्हें इंदौर में सिकल सेल, अप्लास्टिक एनीमिया और अन्य गंभीर बीमारियों से मरीजों के बचाव के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों तथा होम्योपैथिक चिकित्सा की विस्तृत जानकारी दी थी।

इसी क्रम में उन्होंने सभी चिकित्सा पद्धतियों को एक मंच पर लाकर “होलेस्टिक हेल्थ सेंटर” बनाकर इन गंभीर बीमारियों को जड़ से मिटाने की योजना पर भी चर्चा की थी और राष्ट्रपति महोदया ने इस संबंध में हेल्थ मिनिस्ट्री से विचार-विमर्श कर समुचित निर्णय लेने का आश्वासन भी दिया था। इस अवसर पर डॉ द्विवेदी ने हिंदी में मेडिकल की उच्च कक्षाओं में चिकित्सा के अध्ययन के लिए लिखी गई अपनी किताब “मानव शरीर रचना विज्ञान” की प्रति भी राष्ट्रपति महोदया को भेंट की थी।

महामारियों को मात देने के लिए लिखी अनूठी किताब

डॉ. द्विवेदी ने गत वर्ष “कोरोना के साथ और कोरोना के बाद” किताब भी लिखी थी। जिसका मकसद भविष्य में होने वाली महामारियों के खिलाफ संघर्ष के मद्देनजर पुख्ता साक्ष्य के साथ रिकॉर्ड मेंटेन करना है ताकि भावी पीढियां स्वयं को महामारियों से बेहतर तरीके से बचा सकें। उनके इस प्रयास की केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी एवं श्रीपाद नाईक ने भी भूरी-भूरी सराहना करते हुए इसे एक अत्यंत महत्वपूर्ण एवं अनुकरणीय कदम भी बताया है।

फिस्टुला में कारगर है होमयोपैथिक ट्रीटमेंट

नल फिस्टुला एक छोटी सी सुरंग है जो गुदा के अंदर एक संक्रमित ग्रंथि को गुदा के आसपास की त्वचा के एक


छिद्र से जोड़ती है। फिस्टुला आमतौर पर चोट या सर्जरी के कारण होते हैं, वे तब भी बन सकते हैं जब संक्रमण के कारण गंभीर सूजन हो गई हो। क्रोहन रोग और अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसी सूजन आंत्र की स्थिति ऐसी स्थितियों के उदाहरण हैं जो फिस्टुला बनाने की ओर ले जाती हैं। होम्योपैथी चिकित्सक और केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य और वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. एके द्विवेदी के अनुसार फिस्टुला ट्रैक्ट के इलाज किया जाना चाहिए क्योंकि वे अपने आप ठीक नहीं होंगे। यदि लंबे समय तक इलाज न किया जाए तो फिस्टुला ट्रैक्ट में कैंसर होने का खतरा होता है। अधिकांश फिस्टुला का इलाज आसान है और होम्योपैथी जैसी प्राकृतिक दवाओं से ठीक किया जा सकता है।

भगंदर के लक्षण

  • गुदा के आसपास की त्वचा में जलन
  • एक निरंतर, धड़कता हुआ दर्द जो आपके बैठने, हिलने-डुलने, मलत्याग करने या खांसने पर और भी बदतर हो सकता है।
  • आपके गुदा के पास से बदबूदार स्त्राव
  • पेशाब करते समय मवाद या खून आना
  • यदि आपके पास फोड़ा भी है तो आपके गुदा के आसपास सूजन और लाली और उच्च तापमान (बुखार)
  • सीटी स्कैन फिस्टुला का पता लगाने और उसके कारण का पता लगाने में मदद कर सकता है। चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (एमआरआई)। यह परीक्षण आपके शरीर में कोमल ऊतकों की छवियां बनाता है।

क्या खाना चाहिए?

आप अपना सामान्य आहार खा सकते हैं। यदि आपका पेट खराब है, तो सादा चावल, भुना हुआ चिकन, टोस्ट और दही जैसे कम वसा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें। खूब सारे तरल पदार्थ पिएं, हर दिन अपने आहार में उच्च फाइब खाद्य पदार्थ, जैसे फल, सब्जियां, बीन्स और सबुत अनाज शामिल करें।

फिस्टुला का होम्योपैथिक ट्रीटमेंट

होम्योपैथी, गुदा फिस्टुला सहित कई सर्जिकल रोगों के लिए उत्कृष्ट विकल्प प्रदान करती है। डॉक्टर विशिष्ट उपायों की सलाह देते हैं जिनके उपयोग से यह सुनिश्चिक होता है कि गुदा नालव्रण से जुड़ा स्त्राव धीरे-धीरे कम हो जाता है और दर्द, सूजन और खुजली के लक्षण भी प्रबंधित हो जाते हैं। प्राकृतिक दवाएं मल त्याग को नियमित करने और कठोर मल का इलाज करने में सहायता करती हैं जिससे अन्यथा लक्षणों की पुनरावृत्ति हो सकती है।

भगंदर का होम्योपैथिक इलाज

Ratanhia Q - मलत्याग के पहले और बाद बहुत देर तक मलद्वार में जलन महसूस होना, गुदा से पानी जैसा तरल गिरता है, ठंडा पानी डालने से आराम मिलता है।

Acid nit 200 - निर्वहन के दौरान और बद में बहुत जलन होती है, गुदा फट जाता है और संक्रमण होता है।

Paeonia Q - गुदा से हमेशा पानी जैसा तरल गिरता है, गुदा हमेशा गीला रहता है, मवाद होता है, बहुत दर्द होता है।

Graphites 200 - गुदा में संक्रमण, रक्तरस निकलता है, गुदा के अंदर कांटे चुभने जैसे महसूस होता है।

Aurum Mur 200 - फिस्टुला के लक्षण के लिए सबसे अच्छी दवा है।

Silicea 200 - कब्ज है, मवाद पानी जैसे पतला और बदबूदार होता है।

Hepar Sulph 200 - 1/2 हफ्ता के बाद में गुदा में सूजन और दर्द महसूस होता है, थोड़ा सा मवाद निकलने के बाद आराम मिलता है।

Wednesday 18 January 2023

बिना दवा और ऑपरेशन खत्म कर सकते हैं बवासीर

वासीर यानि पाइल्स एक गंभीर समस्या है। यह बीमारी गलत लाइफस्टाइल, गलत खान-पान के कारण होती है।


यदि आप हमेशा तैलीय भोजन, मसालेदार भोजन, मैदा और गरिष्ठ भोजन करते हैं, तो यह रोग होना बहुत आसान है। साथ ही आप उन लोगों में से हैं जिनका काम सिर्फ बैठना है। इन्हें सबसे ज्यादा बवासीर की समस्या होती है। जो लोग शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं होते उन्हें यह रोग हो जाता है। बवासीर कब्ज की तरह शुरू हो जाती है। इसके शुरुआती लक्षणों में पर्याप्त पानी नहीं पीना और खराब पाचन शामिल है। कŽब्ज का समय रहते इलाज न किया जाए तो यह बवासीर में बदल जाती है। बवासीर दो प्रकार की होती है। पहली बादी बवासीर, जिसमें गुदा के बाहर दर्दनाक मस्से होते हैं लेकिन उनमें से खून नहीं निकलता।

दूसरा खूनी बवासीर है, जिसमें मस्से गुदा के अंदर होते हैं और दर्द के साथ खून बहता है। बवासीर जानलेवा नहीं है, लेकिन इसका इलाज करने की आवश्यकता है। बवासीर के कई चिकित्सीय उपचार हैं, लेकिन कुछ घरेलू उपचार भी आपको इस दर्दनाक बीमारी से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ घरेलू उपचार-

फाइबर सप्लीमेंट लें


बवासीर या कŽब्ज से पीड़ित रोगियों को अपने आहार में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। ये आपके लिए मल त्याग करना आसान बनाते हैं, जो खून के बहने और बवासीर की सूजन को कम करने में मदद करता है।


यह क्रीम राहत देती है

आप एक ओवर-द-काउंटर क्रीम का उपयोग कर सकते हैं। यह सूजन और खुजली को दूर करता है। एक क्रीम हैं जिनमें लिडोकेन, हाइड्रोकार्टिसोन या फिनाइलफ्राइन होता हैं। यह क्रीम आराम देता है आमतौर पर इस क्रीम को सूती कपड़े या बॉल्स पर लगाकर सीधे प्रभावित जगह पर लगाया जाता है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण बवासीर के कारण मलाशय और गुदा में खुजली, लालिमा, दर्द और सूजन के इलाज में मदद करते हैं।

टॉयलेट में ज्यादा देर न बैठें

कोशिश करें कि टॉयलेट में ज्यादा देर न बैठें। इससे स्थिति और बिगड़ सकती है। बैठते समय अपने पैर हमेशा स्टूल पर रखें। यह दर्द से राहत देता है और मल त्याग को आसान बनाता है।

ए€सरसाइज जरूर करें

चिकित्सकों का कहना है कि बवासीर कब्ज का मूल कारण है। दोनों हाथों का रोजाना व्यायाम करने की जरूरत है। सप्ताह में लगभग 150 मिनट व्यायाम करें।

खूब पानी पियें

अगर आप फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाते हैं, तो खूब पानी पिएं। साथ ही हाइड्रेटेड रहें, खूब पानी पिएं। रोजाना छह से आठ गिलास पानी पीना जरूरी है।

Thursday 12 January 2023

माननीय राष्ट्रपति से मुलकात कर सिकल सेल एनीमिया पर की चर्चा

केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद, आयुष मंत्रालय  (भारत सरकार) में वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य वरिष्ठ होम्योपैथिक डॉ. एके द्विवेदी ने प्रवासी भारतीय सम्मेलन के अंतिम दिन की मुलाकात

इंदौर। इंदौर में आयोजित तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय सम्मेलन के अंतिम दिन मंगलवार को माननीय राष्ट्रपति श्रीमती


दोप्रदी मुर्मू शामिल हुईं। इस दौरान इंदौर के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक और
केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद, आयुष मंत्रालय  (भारत सरकार) में वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य डॉ. एके द्विवेदी ने मानीनय राष्ट्रपति से मुलाकात की। इस दौरान डॉ. द्विवेदी ने माननीय राष्ट्रपति को बताया कि वे होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धित से सिकल सेल एनीमिया, अप्लास्टिक एनीमिया व अन्य रक्त जनित गंभीर बीमारियों का उपचार काफी लंबे समय से करते आ रहे हैं। इन गंभीर बीमारियों के मरीजों को होम्योपैथिक चिकित्सा से काफी हद तक राहत भी मिल रही है। चर्चा के दौरान माननीय राष्ट्रपति ने डॉ. द्विवेदी द्वारा विस्तार से बताई गई होम्योपैथिक चिकित्सा और उससे किए जाए उपचार की बातों को बड़े ही धैर्यपूर्वक सुना।

मुलाकात के दौरान डॉ. द्विवेदी ने माननीय राष्ट्रपति से निवेदन किया कि हमारे देश में एक ऐसा होनेस्टिक हेल्थ सेंटर स्थापित किया जाना चाहिए जहां ऐसी बीमारियां जिनका इलाज एक चिकित्सा पद्धति से ना हो सकती है उनके लिए क्यों ना सभी चिकित्सा पद्धति का एक केंद्र होनेस्टिक हेल्थ केंद्र देश में स्थापित किया जाए और हो सके तो यह केंद्र इंदौर में स्थापित किया जाना चाहिए। इस पर माननीय राष्ट्रपति ने डॉ. द्विवेदी से कहा कि वे उनके द्वारा बताए गए सुझाव और पत्र को हेल्थ डिपार्टमेंट को भेंजेंगी।

मुलाकात के दौरान डॉ. द्विवेदी ने स्वयं की लिखी पुस्तक  मानव शरीर रचना विज्ञान (ह्यूमन एंनोटॉमी) के बारे में भी जानकारी दी। इस पर माननीय राष्ट्रपति ने डॉ. द्विवेदी के इस प्रयास की प्रशंसा की। माननीय राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान इंदौर के सांसद श्री शंकर लालवानी सहित अन्य वरिष्ठ नागरिक उपस्थित थे।