Wednesday 31 August 2022

जानिए गर्दन की नसों में क्यों होता है दर्द और उससे राहत के लिए कुछ टिप्स

ज के दौर में घर-परिवार की जिम्मेदारियां और व्यस्त जीवन लगभग हर व्यक्ति की दिनचर्या है। ऐसे में शरीर में थकान और अन्य परेशानी हो सकती है। इनमें से एक है गर्दन की नसों का दर्द। इस दर्द के कई कारण हो सकते हैं। लंबे समय तक एक ही मुद्रा में बैठे रहने से


भी नसों में दर्द की समस्या होती है। इसके अलावा गर्दन के आसपास की मांसपेशियां और हड्डियां भी नसों पर दबाव डालती हैं। गर्दन की नसों में दर्द का एक बड़ा कारण नसों में ब्लॉकेज या ब्लड सर्कुलेशन ठीक न होना भी है। क्योंकि जब आपकी नसों में ब्लड फ्लो ठीक से नहीं होता है और नसों में ब्लॉकेज होते हैं, तो इससे रक्त एक ही जगह रुक कर जमने लगता है। जिससे नसों में सूजन की समस्या होती है। इसके कारण नसों में गंभीर दर्द होता है, जो कंधों से लेकर गर्दन और सिर तक को प्रभावित करता है। तो आइए आपको बताते हैं गर्दन की नसों में होने वाले दर्द से राहत पाने के कुछ टिप्स...

मांसपेशियों में अकड़न भी है दर्द का कारण इसलिए गर्दन को स्ट्रेच करें

गर्दन में दर्द की समस्या मांसपेशियों में अकड़न के कारण भी होती है, जो आपकी नसों को भी प्रभावित करता है। स्ट्रेचिंग करने से नसों और मांसपेशियों दोनों को स्ट्रेच करने और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। आपको गर्दन को आगे-पीछे, दाएं-बाएं चारों दिशाओं में स्ट्रेच करने की कोशिश करनी चाहिए। इससे नसों के दर्द में बहुत लाभ मिलेगा।

मालिश करने से मिलते हैं फायदे इसलिए इसे दिनचर्या में लाए

बाजार में कई आयुर्वेदिक तेल मौजूद है, जिन्हें कई दर्द निवारक आयुर्वेदिक औषधियों की मदद से तैयार किया जाता है। हालांकि आप घर में भी तेल में हल्दी, लहसुन आदि डालकर और इससे गर्म करके भी दर्द निवारक तेल बना सकते हैं। इसके लिए सरसों का तेल सबसे अच्छा आता है। इस तेल से गर्दन की मांसपेशियों की अच्छी तरह मालिश करें। इससे नसों और मांसपेशियों का तनाव, सूजन कम होगी और दर्द से राहत मिलेगी।

खाने में ऐसे फूड्स खाएं जिनसे ब्लड फ्लो बढ़े

अगर आप ब्लड फ्लो बढ़ाने वाले फूड्स का सेवन करते हैं, तो इससे नसों में ब्लॉकेज को खोलने में मदद मिलती है, और नसों में रक्त का संचार बिना रुकावट के होता है। इससे नसों में दर्द से की समस्या दूर हो जाती है। हल्दी के अलावा अनार, प्याज, लहसुन, अदरक आदि का सेवन भी ब्लड फ्लो बढ़ाने में बहुत लाभकारी है।

हल्दी एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से होती है भरपूर इसलिए इसका सेवन करें

हल्दी एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है, जिससे यह सूजन से लड़ने में बहुत लाभकारी है। साथ ही यह शरीर में ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने में भी मदद करती है। जिससे ब्लॉकेज खोलने में मदद मिलती है और दर्द कम होने लगता है। आप हल्दी वाले दूध, सब्जियों में हल्दी और गुनगुने पानी में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं।

Tuesday 30 August 2022

मौसम के मिजाज में हो बदलाव तो 5 बातों से अपनी सेहत का रखे ख्याल

यूं तो बारिश का समय है लेकिन आज कल के इस बदलते मौसम का कोई अंदाज़ा नहीं लगा सकता। मौसम के इस बदलाव में कभी बारिश तो कभी तेज धूप हो रही है। यह बदलाव लोगों की सेहत गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं। इस मौसम में सर्दी, खांसी, नाक


बहना, ठंड लगना, बदन दर्द आदी जेसी बीमारियों हो सकती हैं इसलिए आपको चाहिए कि अपनी सेहत व स्वास्थ्य का ख्याल रखें। इस मौसम में बदलाव के दौरान अपनाए जाने वाले सरल स्वास्थ्य सुझावों का पालन करें क्योंकि निवारण हमेशा इलाज से बेहतर है। इसलिए हम आपको बता रहे हैं वो 5 जरूरी टिप्स जिनसे बदलते मौसम में अपना ऐसे रखें ख्याल....

ठंडी चीजों से दूर रहें, बदलती हवा से सर्दी, खांसी, जुकाम का डर

बदलते मौसम में आपको कभी ठंड लगेगी और कभी गर्मी और यह बिल्कुल सामान्य है। इसी बदलती हवा की वजह से लोगों को सर्दी, खांसी, जुकाम हो सकता है। इसलिए सभी ठंडी चीजों से दूर रहें। ठंडे पानी का सेवन न करें, ठंडे पानी से स्नान ना करें। इसके साथ ही जब आप बाहर से घर आयेंगे तो आपको गर्मी लगना आम बात है लेकिन आते ही पंखा यां एयर कंडीशनर न चलाएं क्योंकि इससे आपको सर्द गरम हो सकता है जो काफी परेशानी खड़ी कर देगा।

मच्छरों से बचाव के लिए पूरे कपड़े पहनें

इस बदलते मौसम में हर वक्त हमेशा पूरे कपड़े पहनें ताकि आपका शरीर पूरी तरह ढका रहे। आजकल मच्छरों का हमला भी काफी बढ़ गया है। इसके साथ ही बदलते हवा आपको कई बीमारियों का शिकार बना सकती है इसलिए अपने आप को पूरा ठक कर रखें ताकि हवा ना लगे। पूरे कपड़े आपको डेंगू, मलेरिया आदि मच्छरजनित रोगों से बचाएंगे इसलिए पूरे कपड़े ही पहन कर रखें।

इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत रखने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन

इस बदलते मौसम में अपने आहार से समझौता न करें। इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत रखने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन ही करें। ताजा भोजन करें और कोशिश करें कि बहुत ज्यादा समय अंतराल में न खाएं। अपने शरीर में ऊर्जा जरूरतों को सही भोजन और सही मात्रा में लें। इसके साथ किसी भी प्रकार का जंक फूड ना खाएं। स्वस्थ रहने के लिए सीज़नल फलों और सब्जियों को शामिल कर सकते हैं। सीज़नल पोषण का मतलब है कि इन फलों और सब्ज़ियों में पाए जाने वाले मिनरल और विटामिन भी ताजा हैं। 

पौष्टिक आहार के साथ शारीरिक व्यायाम भी जरूरी

नियमित व्यायाम आपकी इम्यूनिटी को बढ़ावा देने और इन्फेक्शन और बीमारी के जोखिम को कम करने का एक शानदार तरीका हो सकता है। पौष्टिक आहार के साथ-साथ व्यायाम भी आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। व्यायाम आपको आकार में लाने, आपको अच्छी नींद लाने में, ब्लड सर्कुलेशन, मूड और सामान्य मानसिक तनाव में सुधार करने में मदद कर सकता है। साधारण कार्डियो वर्कआउट, जैसे दौड़ना, टहलना, साइकिल चलाना आदि मदद कर सकते हैं लेकिन आप योग और ध्यान भी लगा सकते हैं।

स्वस्थ जीवन के लिए पानी जरूरी इसलिए हाइड्रेटेड रहें

स्वस्थ जीवन के लिए पानी जरूरी है। पानी पीने से किसी भी मौसम परिवर्तन बीमारी पर नियंत्रण रखा जा सकता है और खोए हुए फ्लूइड पदार्थों की पूर्ति भी हो सकती है। इसलिए, जब आपको लगता है कि आपके मुंह के कोने सूखे और फटे होंठ हैं और आप प्यासे हैं, तो आप में पानी कि कमी है। बदलते मौसम में प्यास कम लगती है लेकिन आपको पानी पीते रहना चाहिए दिन में कम से कम 8 गिलास पानी पिएं, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर रहेंगी। पानी शरीर से टॉक्सिंस को निकलने में मदद करता है। इसके साथ ही पानी शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने में मदद करता है। पानी पीने से त्वचा अंदर से डिटॉक्सीफाई और मॉइश्चराइज होती है।