Tuesday 4 July 2017

मानसून में रखें सेहत का ख्याल



चिलचिलाती गर्मी के बाद जब मानसून की ठंडी फुहार हर किसी के चेहरे पर खुशी ले आती है। बच्चों को तो बारिश में भीगना बहुत भाता है। पर ध्यान रहे, यही बारिश कई तरह की बीमारियों को भी साथ लाती है। 
आमतौर पर हम सभी को मानसून का मौसम बहुत ही पसंद होता है, क्योंकि यह रोमांटिक और एडवेंचर्स भरा होता है। बादलों से भरा आसमान, मूसलधार बारिश और चारों तरफ हरियाली से भरा यह मौसम बहुत ही आनंद देने वाला और गर्मी से राहत देने वाला होता है।
बारिश के दिनों में लोगों को तेल में तले हुए भजिए खाना बहुत अच्छा लगता है। इस मौसम में लोग चाय, कॉफी, सूप पीना भी बहुत पसंद करते हैं और कुछ लोग स्ट्रीट-फूड के भी शौकीन होते हैं, मगर इस बरसात के मौसम में स्वास्थ्य की देखभाल करना महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह मानसून अपने साथ कुछ नकारात्मकता भी लाता है। कई लोग इस दौरान बीमार हो जाते हैं, क्योंकि नमी के दिनों में कीड़े, संक्रमण आदि का ज्यादा डर होता है और इस वजह से डेंगू, मलेरिया, वायरल बुखार, जुकाम, फ्लू, निमोनिया आदि जैसी बीमारियां होने की संभावना बन जाती है।
अगर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है तो बारिश में भीगने से आपको जुकाम भी हो सकता है। स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्रों और कामकाजी लोगों को इस मौसम में घर से बाहर निकलना ही पड़ता है, मगर कुछ सावधानियां बरतकर आप इन बीमारियों से बच सकते हैं। आइए, अच्छी सेहत के लिए जानते हैं-
बारिश के मौसम में अपने स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए हम आपको कुछ महत्वपूर्ण टिप्स बता रहे हैं-

आवश्यक वस्तुएं रखें साथ

अचानक होने वाली मूसलधार बारिश से बचने के लिए अपने साथ एक छाता अवश्य रखें, क्योंकि ऐसे मौसम में बारिश का कोई भरोसा नहीं होता है। अगर आप घर से कहीं बाहर हैं और पैदल, बाइक या स्कूटर से यात्रा कर रहे हैं तो अपने साथ रैनकोट रखना न भूलें।

स्ट्रीट-फूड से बचें

मानसून के मौसम में लोग तला हुआ खाना और स्ट्रीट-फूड खाना बहुत पसंद करते हैं, पर इस दौरान कई बार बारिश का कुछ पानी तेल में मिल जाता है, इसलिए ऐसे समय में मिनरल पानी ही पीना चाहिए और स्ट्रीट-फूड, तले हुए पदार्थ, ज्यूस और पेय पदार्थों से परहेज रखना चाहिए, क्योंकि बारिश के पानी में कई अशुद्ध लवण होते हैं, जो इन पदार्थों में मिलकर उन्हें दूषित कर देते हैं और इस वजह से हमें कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है।

मच्छरों के प्रकोप से बचें

बरसात के दिनों में मच्छरों की आबादी में बहुत ज्यादा वृद्धि हो जाती है, क्योंकि ऐसे समय में पानी बहुत ज्यादा हो जाता है, जो कि मच्छरों के एक अच्छी प्रजजन भूमि का काम करता है। अपने घर में कूलर के पानी को अच्छे से जांच लें और रोजाना उस पानी को बदलें। घर के अन्य क्षेत्र जैसे कि फूल के बर्तन, एक्वेरियम और कुए में भी पानी एकत्रित रहता है, इन्हें किसी कीटाणुनाशक का प्रयोगकर साफ करें और ढंककर रखें।
हर्बल-टी पीएं
मानसून के मौसम में हर्बल-टी का सेवन करें, क्योंकि इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। यह हमारी प्रतिरक्षा को बढ़ाते हैं और कीटाणुओं, जीवाणुओं के खिलाफ लडऩे की ताकत प्रदान करते हैं, इसलिए क्कह्म्द्गष्ड्डह्वह्लद्बशठ्ठह्य ष्ठह्वह्म्द्बठ्ठद्द क्रड्डद्बठ्ठ4 स्द्गड्डह्यशठ्ठ रखने के लिए हर्बल-टी रोज पिएं।


स्क्रैचिंग से बचें

यदि आपको मच्छर ने काट लिया है तो उसे खुजालने से या स्क्रैचिंग से बचें, क्योंकि यह वायरस नाक, शरीर या मुंह के माध्यम से आपके अंदर प्रवेश कर सकते हैं, इसलिए मच्छर से काटे हुए प्रभावित क्षेत्र को जितना कम हो सके, उतना कम छुएं।
बीमारियों से बचने के लिए रूमाल का उपयोग करें। रूमाल को अपने साथ या अपनी जेब में रखना शिष्टाचार को दर्शाता है। बारिश के दिनों में जितना कम हो सके, अपने चेहरे को स्क्रेच करें या छुएं, क्योंकि फ्लू वायरस मुंह, आंख, नाक आदि के माध्यम से आपके अंदर प्रवेश कर सकते हैं,  इसलिए ध्यान रखें, जब भी जरूरत पड़े तो हाथ के बजाय रूमाल की मदद से चेहरे को पोछें या साफ करें और हाथों को चेहरे से दूर रखें।

त्वचा के संक्रमण से बचें

बरसात के दिनों में बहुत ही ज्यादा मात्रा में गटर, नालों में गंदा पानी एकत्रित हो जाता है और फिर सड़कों में फिर जमा होने लगता है। ऐसे में अगर आप नंगे पैर सड़कों में चलने लगते हैं तो यह दूषित और जहरीला पानी आपकी त्वचा में लगकर अवांछित त्वचा कर संक्रमण पैदा कर सकता है। इस मौसम में अपने शरीर का कोई भी भाग अगर खुला होता है तो उसमें गंदे पानी से होने वाले संक्रमण की संभावना अधिक होती है, इसलिए ॥द्गड्डद्यह्लद्ध ञ्जद्बश्च द्घशह्म् क्रड्डद्बठ्ठ4 स्द्गड्डह्यशठ्ठ के अनुसार घर से बाहर निकलते समय यह सुनिश्चित कर लें कि आपने अपने शरीर को ढंका है या नहीं और पैरों में भी जूते पहनकर उसे अवश्य ढंकें।

डायबिटीज और अस्थमा के मरीज

अगर आप या आपके कोई रिश्तेदार डायबिटीज और अस्थमा की बीमारी से पीडि़त हैं तो इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि बारिश के दिनों में पीडि़त गीली दीवारों के पास ना सोएं, क्योंकि गीली दीवार के पास सोने से शरीर के अंदर कवक के विकास को बढ़ावा मिलता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक साबित हो सकता है।

हाथों को धोएं

बारिश के मौसम में आप हाथ धोने की बात को अनदेखा नहीं कर सकते, वर्ना यह आपके लिए बहुत ही घातक सिद्ध हो सकता है, इसलिए इस मौसम में हाथों को नियमित रूप से धोते रहने से व्यक्ति स्वास्थ्य संकटों से दूर रहता है। ऐसा करने का मुख्य कारण यह है कि बारिश के दौरान कई तरह से बैक्टीरिया और वायरस सक्रिय हो जाते हैं और आपकी जानकारी के बिना किसी न किसी तरीके से ये आपके संपर्क में आ जाते हैं, इसलिए ध्यान रखें, रोजाना भोजन करने से पहले अपने हाथ को साबून से धोकर या सेनिटाइजर से अच्छी तरह से साफ कर लें।