Thursday 27 November 2014

ल्यूकोरिया में योग


अधिकतर महिलाएं ल्यूकोरिया जैसे-श्वेतप्रदर, सफेद पानी जैसी बीमारियो से जुझती रहती हैं, लेकिन शर्म से किसी को बताती नहीं और इस बीमारी को पालती रहती हैं। यह रोग महिलाओं को काफी नुकसान पहुंचाता है। इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए पथ्य करने के साथ-साथ योगाभ्यास का नियमित अभ्यास रोगी को रोग से छुटकारा देने के साथ आकर्षक और सुन्दर भी बनाता है।

यौगिक क्रिया

प्राणायाम ओम प्राणायाम 21 बार, कपालभाति 5 मिनट, अणुलोम-विलोम 5 मिनट, भ्रामरी प्राणायाम 5 बार।

आसन

वज्रासन, शशांकासन, भुजंगासन, अर्धशलमासन, धनुरासन, पश्चिमोत्तोनासन, कन्धरासन।

बन्ध

मुलबन्ध का विशेषरूप से अभ्यास इस बीमारी में काफी लाभदायक होता है ।

मुद्रा

अश्विनी मुद्रा, सहजोली मुद्रा, विपरित करणी मुद्रा और क्रमवार से धीरे धीरे सूर्य नमस्कार का अभ्यास।

अंतत

यथाशक्ति शारीरिक श्रम करें , दिन में सोना बंद करें, आसन, प्रणायाम और प्रात: खुली हवा में प्रत्येक दिन टहलने का दैनिक कार्यक्रम बनायें। क्रोध, चिन्ता, शोक, भय से दूर रहें। सदैव प्रफुल्लित रहें।

अपथ्य

तेज मिर्च मसालेदार पदार्थ, तेल में तले पदार्थ, गुड़, खटाई, अरबी, बैगन, अधिक सहवास, रात में जागना, उत्तेजक साहित्य, चाय, काफी,अधिक टीवी, संगीत-मजाक से बचे। पथ्य का पालन करते हुए योगाभ्यास के नियमित अभ्यास से कुछ ही दिनों में रोग से तो छुटकारा मिलेगा ही साथ ही साथ आकर्षक और सुन्दर भी आप दिखेंगी।

आहार

सभी हरी शाक-सब्जियां, सूप, खिचड़ी, दलिया, चोकरयुक्त आंटे की रोटी, फल में केला, अंगूर , सेव, नारंगी, अनार, आवंला, पपीता, चीकू, मौसमी, पुराना शाली चावल, चावल का धोवन तथा मांड़, दूध, शक्कर, घी, मक्खन, छाछ, अरहर और मूंग की दाल, अंकुरित मूंग, मोठ आदि का समुचित प्रयोग करें। स्वच्छतापालन, ध्यान, सत्संग और स्वाध्याय का अभ्यास।

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