Friday 14 November 2014

मम्मी भूख लगी है ...


बच्चों को खाना खिलाना उनकी मंम्मी के लिए सबसे बड़ी समस्या होती है। खाने की प्लेट लेकर अक्सर मम्मी बच्चों के पीछे भागती रहती है और शैतान बच्चे खाने से तौबा करते हैं।
स्कूल में भी कई बच्चे अपना लंच पूरा नहीं लेते और भोजन से भरा टिफिन वैसा का वैसा उनके घर आ जाता है। आखिर क्यों बच्चे खाने से तौबा करते हैं? क्यों न कुछ ऐसा किया जाए कि बच्चे और खाने की दोस्ती हो जाए। हर रोज एक ही प्रकार का खाना खाते-खाते बच्चे भी बोर हो जाते हैं। खाने के प्रति बच्चों का लगाव पैदा करने के लिए उनके लंच में हर रोज कुछ नयापन लाना चाहिए।     

क्या होता है लंच बॉक्स में

बच्चों को अक्सर जंक फूड से प्रेम होता है। उन्हें दाल, सब्जी, रोटी आदि खाना अच्छा नहीं लगता। यही कारण होता है कि पौष्टिक आहार नहीं मिल पाने के कारण बच्चे का सर्वांगीण विकास नहीं हो पाता है।
कई शोधों से निकले परिणामों के मुताबिक करीब 50 प्रतिशत बच्चों के लंच बॉक्स में सैचुरेटेड फैट, नमक और चीनी की मात्रा ज्यादा होती है जिनमें चॉकलेट, जैम, जेली आदि प्रमुख होते हैं।

क्या होना चाहिए लंच बॉक्स में

बच्चों के लंच बॉक्स में ऐसा खाना होना चाहिए। जो बच्चों को दिन भर अलर्ट व ऊर्जावान बनाए रखे। अंकुरित दालें, पौष्टिक सलाद, हरी सब्जी-रोटी, फल आदि ऐसी चीजें हैं, जो आपके बच्चे के लंच बॉक्स में होनी ही चाहिए।

कैसे करें लंच बॉक्स तैयार

हर रोज एक ही प्रकार का खाना खाते-खाते बच्चे भी बोर हो जाते हैं। खाने के प्रति बच्चों का लगाव पैदा करने के लिए उनके लंच में हर रोज कुछ नयापन लाना चाहिए।
इसके लिए सप्ताह के सात दिनों तक बच्चों के लंच में अलग-अलग प्रयोग कर सकती हैं। जिससे बच्चे को हर दिन कोई नया पौष्टिक आहार मिले।
सोमवार को यदि आप बच्चों के लंच बॉक्स में अंकुरित दाल व चपाती रखती है तो मंगलवार को फु्रट्स रख सकती है। बुधवार को आप उनके लंच बाक्स में हरी सब्जियाँ तो गुरुवार को वेज सेंडविच रख सकती हैं।
इस प्रकार बच्चों की पसंद व पौष्टिकता दोनों को ध्यान में रखकर यदि बच्चों का लंच बॉक्स तैयार किया जाए तो आपको खाना खिलाने के लिए बच्चों के पीछे भागना नहीं पड़ेगा।

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