Wednesday 17 September 2014

क्या एक्शन फिल्में कर सकती हैं दिल को कमज़ोर?


एक्शन मूवीज़ का देश ही नहीं पूरी दुनिया में बड़ा बोलबाला है। फिल्म गुरूओं के मुताबिक एक्शन फिल्मों का बाज़ार पूरी दुनिया में सबसे बड़ा है। लेकिन इन्हें देखकर दर्शक सिर्फ मनोरंजन ही नहीं करते हैं, एक्शन फिल्में सेहत पर भी बुरा प्रभाव डाल सकती हैं। जी हां काफी पहले से ही फिल्मों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव को लेकर जानकारों की अलग-अलग प्रकार की टिप्पणियां आती रही हैं, लेकिन यदि एक ब्रिटिश शोध के परिणामों पर गौर फरमाया जाए तो पता चलता है कि एक्शन फिल्में देखकर दिल पर भी कुछ बुरे प्रभाव हो सकते हैं। तो चलिये विस्तार से जानते हैं कि वाकई एक्शन फिल्में देखने का दिल पर कोई प्रभाव होता है।
ब्रिटिश मेडिकल स्टडी ने अपने एक शोध में पाया कि हृदय संबंधी समस्याओं से ग्रस्त लोगों द्वारा एक्शन फिल्में देखने पर, उनके हृदय पर तनाव काफी बढ़ जाता है।

क्या कहता है शोध

यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ लंदन तथा सेंट थॉमस अस्पताल के लोगों द्वारा किए एक शोध के अनुसार कमजोर दिल वाले लोगों के दिल पर तनावपूर्ण फिल्में देखने से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि सन 2000 में आई एक्शन थ्रिलर फिल्म वर्टिकल लिमिट देखकर हृदय समस्याओं से ग्रसित लोगों का रक्त दबाव काफी बढ़ गया।
इसी के तहत हुए एक छोटे से अध्ययन में दिल की निलय में इलेक्ट्रोड का पता लगाने की गतिविधि की मदद से 19 लोगों पर नजर रखी गयी। ऐसा माना जाता है कि यह पहला मौका था जब स्वास्थ्य के प्रति सचेत रोगियों पर मानसिक और भावनात्मक तनाव का जैविक प्रभाव देखा गया। शोधकर्ताओं की ऐसी मान्यता थी कि हार्ट पैटर्न में ये बदलाव स्वायत्त (ऑटोनोमिक) तंत्रिका तंत्र से जुड़े होते हैं, जोकि समझ के स्तर से नीचे हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है दिल की समस्याओं से पीडि़त लोगों को एक्शन फिल्मों को देखने से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, सांस लेने की गति तेज हो जाती है और दिल की प्राकृतिक लय बदल जाती है। अध्ययन के निष्कर्षों के बावजूद, सिनेमा के कारण हुई मौतें अपेक्षाकृत दुर्लभ ही हैं। लेकिन ऐसा होता ही नहीं है, ऐसा भी नहीं है।
गौरतलब है, वर्ष 2010 में उच्च रक्तचाप से पीडि़त एक 42 वर्षीय ताइवानी युवक कि हॉलीवुड फिल्म 'अवतारÓ को 3डी में देखते समय एक स्ट्रोक के कारण मृत्यु हो गई थी। उसके डॉक्टर के अनुसार वह व्यक्ति फिल्म देखकर ओवरएक्साइटेड हो गया था। ठीक इसी वर्ष आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के एक हॉस्टल में एक भारतीय छात्र का कथित रूप से चार हॉरर फिल्मे एक के बाद एक देखने से निधन हो गया था।

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