Thursday 23 October 2014

दीपावली पूजन के प्रतीक


दीवावली के शुभ दिन महालक्ष्मी की पूजा का विधान है। इस पूजा के साथ ही घर और पूजा घर को सजाने के लिए मंगल वस्तुओं का उपयोग किया जाता हैं आओ जानते हैं कि गृह सुंदरता, समृद्धि और दीपावली पूजन के कौन-से प्रतीक है।

दीपक

दीपावली के पूजन में दीपक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सिर्फ मिट्टी के दीपक का ही महत्व है। इसमें पांच तत्व हैं मिट्टी, आकाश, जल, अग्नि और वायु। अत: प्रत्येक हिंदू अनुष्ठान में पंचतत्वों की उपस्थिति अनिवार्य होती है। कुछ लोग पारंपरिक दीपक की रोशनी को छोड़कर लाइट के दीपक या मोमबत्ती लगाते हैं जो कि उचित नहीं है।

 रंगोली

उत्सव-पर्व तथा अनेकानेक मांगलिक अवसरों पर रंगोली या मांडने से घर-आंगन को खूबसूरती के साथ सजाया जाता है। यह सजावट ही समृद्धि के द्वार खोलती है। घर को साफ सुथरा करके आंगन व घर के बीच में और द्वार के सामने और रंगोली बनाई जाती है।

कमल और गेंदे के फूल

कमल और गेंदे के पुष्प को शांति, समृद्धि और मुक्ति का प्रतीक माना गया है। सभी देवी-देवताओं की पूजा के अलावा घर की सजावट के लिए भी गेंदे के फूल की आवश्यकता लगती है। घर की सुंदरता, शांति और समृद्धि के लिए यह बेहद जरूरी है।

कौड़ी

पीली कौड़ी को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। दीवापली के दिन चांदी और तांबे के सिक्के के साथ ही कौड़ी का पूजन भी महत्वपूर्ण माना गया है। पूजन के बाद एक-एक पीली कौड़ी को अलग-अलग लाल कपड़े में बांधकर घर में स्थित तिजोरी और जेब में रखने से धन समृद्धि बढ़ती है।

तांबे का सिक्का

तांबे में सात्विक लहरें उत्पन्न करने की क्षमता अन्य धातुओं की अपेक्षा अधिक होती है। कलश में उठती हुई लहरें वातावरण में प्रवेश कर जाती हैं। यदि कलश में तांबे के पैसे डालते हैं, तो इससे घर में शांति और समृद्धि के द्वार खुलेंगे। देखने में ये उपाय छोटे से जरूर लगते हैं लेकिन इनका असर जबरदस्त होता है।

मंगल कलश

भूमि पर कुंकू से अष्टदल कमल की आकृति बनाकर उस पर कलश रखा जाता है। एक कांस्य, ताम्र, रजत या स्वर्ण कलश में जल भरकर उसमें कुछ आम के पत्ते डालकर उसके मुख पर नारियल रखा होता है। कलश पर कुंकूम, स्वस्तिक का चिह्न बनाकर, उसके गले पर मौली (नाड़ा) बांधी जाती है।

श्रीयंत्र

धन और वैभव का प्रतीक लक्ष्मीजी का श्रीयंत्र। यह सर्वाधिक लोकप्रिय प्राचीन यंत्र है। श्रीयंत्र धनागम के लिए जरूरी है। श्रीयंत्र यश और धन की देवी लक्ष्मी को आकर्षित करने वाला शक्तिशाली यंत्र है। दीपावली के दिन इसकी पूजा होना चाहिए।

नैवेद्य और मीठे पकवान

लक्ष्मीजी को नैवद्य में फल, मिठाई, मेवा और पेठे के अलावा धानी, पताशे, चिरौंजी, शक्करपारे, गुझिया आदि का भोग लगाया जाता है। नैवेद्य और मीठे पकवान हमारे जीवन में मिठास या मधुरता घोलते हैं।

No comments:

Post a Comment