Sunday 12 October 2014

पीठ के दर्द के लिये योग


क्या अक्सरआप का हाथ पीठ के ऊपर के हिस्से पर आसानी से चला जाता है ? अनजाने में उसे आराम पहुँचाने में या पीड़ा कम करने में हल्का धड़कने वाला दर्द होता है ? आप रसोई में घर के रोज के काम कर रहे हैं या साथी की मेज़ पर झुके हुये हैं और अचानक आप को पीठ के निचे के हिस्से पर दर्द महसूस होता है ? आप को जीर्ण या पुराना पीठ का दर्द न हो। फिर भी कभी कभी होने वाला यह दर्द हमें और सतर्क करने के लिये काफी है, कि हमें सीधा बैठना होगा और प्रतिदिन पाँच मिनट देने होंगे जिससें पीठ की मांसपेशियों योग के अभ्यास से मजबूत हो सके। इसे आज से शुरू करे और प्रतिदिन कुछ समय देना शुरू करें। इसके परिणाम बहुत अच्छे हैं। इससे आपकी पीठ स्वस्थ रहती है।

पीठ के दर्द को अलविदा कहने के लिये- योग मुद्रायें

हमारे पीठ की तीन तरह की गति होती है - ऊपर की ओर खिंचाव, घुमाव, आगे और पीछे की ओर झुकना। निम्र दी गई योग मुद्राओं/आसन के निरंतर अभ्यास से यह सुनिश्चित होगा कि जो मांसपेशी इन गतिओं की सहायता करती है, वे मजबूत हो सकें।
आप इन में से कुछ योग मुद्राओं को कभी भी और कहीं भी कर सकते हैं।यदि सुबह आप इसे करना भूल भी गये तो आप दिन में कार्य स्थल में इसके लिये पाँच मिनट निकाल सकते हैं या जब आपकी पीठ इसका संकेत दे कि उसे इनकी आवश्यकता है।
चटाई पर कर के देखें। कुर्सी पर बैठ कर भी आप इस योग मुद्रा को कर सकते हैं। क्या आप के पीठ के नीचे की मांसपेशियों ने आपको धन्यवाद किया?
सभी दिशा में पीठ का खिंचाव इस क्रम से आप की पीठ को सभी दिशा में खिंचाव मिलता है और पीठ के दर्द से प्रभावकारी राहत मिलती है। लंबे समय कार चलाने के बाद, कार से उतरकर, अपने पैर जमीन में स्थिर रखे और इन सभी खिंचाव को करें।
त्रिकोणासन (त्रिकोण मुद्रा): हाथ,पैर, और उदरीय मांसपेशियों को मजबूत करने में सहायक और रीड की हड्डी में लचीलापन। यदि आप रसोई में काफी देर से खड़े है तो कुछ सेकंडों के लिये ब्रेक लें और त्रिकोण मुद्रा को करें।
पवन मुक्तासन (घुटने ने से ठोड़ी में दबाव) : कूल्हे के जोड़ों में रक्त परिसंचरण में वृद्धि और पीठ के निचे के भाग में पीड़ा से आराम। इसे अपने योग के आसन
कटीचक्रासन(खड़े रहते हुये रीड की हड्डी में घुमाव) : इससे रीड की हड्डी का लचीलापन बढ़ता है और हाथ और पैर की मांसपेशियों को शक्ति मिलती है। आप ठीक से सीधे खड़े रह सकते हैं।
अर्ध मत्सेंयेंद्रआसन (आधे रीड की हड्डी में बैठे हुये घुमाव) और मार्जरीआसन (मार्जर खिंचाव): इससे रीड की हड्डी कोमल और लचीली होती है। इस योग मुद्रा में तबदीली आप कुर्सी में बैठे हुये कर सकते हैं।
भुजंगासन (सर्प मुद्रा) : इससे पीठ की मांसपेशियों की मालिश होती है और पीठ के ऊपर के भाग में लचीलापन आता है। क्या आप ने बच्चों को इस मुद्रा में टीवी देखते हुये या आलस करते हुये देखा है ? सोफे से उतर कर उनके साथ हो जायें।
अन्य लाभ : इन योग मुद्राओं/आसन से शरीर के कई अंग जैसे अग्नाशय, गुर्दे, आमाशय, छोटी आंत, यकृत, पित्ताशय की मालिश होती है और शक्ति मिलती है।

निर्देश

सिर्फ कुछ योग मुद्रा/आसन का अभ्यास कर के ही अपने आप को सीमित न करें। उपरोक्त योग आसन पीठ की मांसपेशियों में शक्ति देता है। लेकिन हमें हमारे शरीर के सभी अंगों पर ध्यान देना होगा जिससे पूरा शरीर स्वस्थ रह सकें।इसके लिये आवश्यक है कि हमें विभिन्न योग मुद्राओं और श्वास प्रक्रियाओं का अभ्यास करना चाहियें।
पीठ के दर्द से राहत पाने के लिये योग आसन का अभ्यास करते समय इन बिंदुओं का ध्यान रखें-
    इन योग आसनों को धीरे धीरे सावधानीपूर्वक करें क्योंकि उन्हें गलत तरीके से करने का परिणाम गंभीर पीठ का दर्द हो सकता है।
  • पीठ दर्द से निदान देने वाले इन योग आसनों को किसी प्रशिक्षक से सीख लें, इनका अभ्यास अपने घर में करने से पहले।
  • अपने शरीर का सम्मान करें। प्रत्येक शरीर का अपना लचीलापन होता है। उतना ही करें जितना आप आसानी से कर सकें।
  • ये सभी योग आसन पीठ को मजबूत करने में और रीड की हड्डी का सामान्य स्वास्थ्य बरकरार रखने में सहायक है। यदि आप को पीठ के दर्द की गंभीर पीड़ा है जैसे (स्लिप डिस्क या गठिया), तब पहले किसी डॉक्टर से विचार विमर्श कर लें।
  • गर्भवती महिलाओं ने इन योग आसनों को करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहियें।
  • अधिकांश महिलायें पीठ दर्द को गर्भावस्था का आम लक्षण मानती है लेकिन इस पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है अन्यथा प्रसव के उपरांत भी पीठ के दर्द की पीड़ा होती रहेगी।

पीठ के दर्द को कैसे टाल सकते हैं ?

  • अपने दोनों पैरों पर शरीर के वजऩ को संतुलित रखें।
  • योग आसनों का अभ्यास प्रतिदिन करें।
  • अपने वजऩ को बरकरार रखें।
  • तंत्र को ऊर्जावान रखने के लिये श्वास प्रक्रियाओं का अभ्यास करते रहें।
  • निरंतर पीठ की मांसपेशियों का खिंचाव करते हुयें उन्हें मजबूत रखें।

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