Monday 1 April 2019

होम्योपैथी में जटिल रोगों का सरल उपचार



होम्योपैथी सिर्फ सामान्य सी दिखने वाली बीमारियों को ठीक करने में ही उपयोगी नहीं है, अपितु असाध्य एवं जटिल रोगों में भी काफी प्रभावशाली है। लोगों में यह धारणा है कि असाध्य रोग तो ठीक ही नहीं हो सकते हैं, परन्तु आज के समय की मांग है होम्योपैथी दवाएं, जिनके प्रभावी व शीघ्र असर से जटिल बीमारियों में भी मरीज को काफी राहत पहुंचाई जा सकती है। आज के परिपेक्ष्य में देखा जाए तो सबसे ज्यादा मरीज कैंसर के पाए जाते हैं। सभी प्रकार के कैंसर में होम्योपैथी दवाएं प्रभावशाली तरीके से आराम दिलवाती हैं जिससे यदि बीमारी आखिरी स्टेज में भी है तो भी मरीज को होम्योपैथी द्वारा स्वास्थ्य लाभ मिल सकता है। कैंसर में कीमोथैरेपी, रेडियोथैरेपी से बहुत ज्यादा साइड इफेक्ट होने लगते हैं, जिससे मरीज हताश होने लगता है। यदि कैंसर सहित अन्य सभी बीमारियों के मरीज बीमारी के प्रारंभिक स्टेज में ही होम्योपैथी दवाइयों का सेवन करें तो बीमारी को आगे बढऩे से रोका जा सकता है एवं पूरी तरह से ठीक भी किया जा सकता है। कई असाध्य बीमारियां जैसे प्रोस्टेट, अप्लास्टिक एनीमिया, ए.वी.एन., अस्थमा, अर्थराइटिस जिसमें मरीज को यही समझाया जाता है कि ऑपरेशन या सर्जरी ही आखिरी उपाय है, परन्तु होम्योपैथी दवाइयों से इन सभी असाध्य बीमारियों पर आसानी से आराम पाया जा सकता है।

ऐसी बीमारियां जो ऑपरेशन के बाद भी बार-बार हो सकती हैं जैसे पथरी, फिशर-फिश्चुला, पाइल्स, साइनोसाटिस तथा स्पॉनडिलाइटिस इत्यादि को बार-बार होने से होम्योपैथिक के प्रयोग से रोका जा सकता है।
होमियोपैथिक दवाएं कई प्रकार के एक्यूट और क्रॉनिक रोगों में प्रभावी होती हैं। चूंकि यह एक वैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति है, इसका उपयोग किसी भी व्यक्ति (नवजात शिशु, बूढे लोगों, गर्भवती स्त्रियों) के लिए हो सकता है। होम्योपैथिक दवाएं दुनिया भर में उपयोग में लाई जाती हैं, और खासकर भारत में सबसे ज्यादा प्रचलित हैं।

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