Wednesday 22 February 2023

कैंसर के अन्तिम स्टेज पर होम्योपैथी कारगर

इंदौर । विश्व कैंसर दिवस पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में कैंसर की बीमारी के बचाव पर


एक्सपर्ट ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के दौरान प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. ए.के. द्विवेदी ने बताया कि कैंसर के इलाज के लिए होम्योपैथी काफी कारगर साबित हो सकती है। कैंसर के आखिरी स्टेज पर भी यह दवाएं असर करती हैं।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रसिद्ध होम्योपैथी चिकित्सक और केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य और वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. एके द्विवेदी ने युवाओं से कहा कि अपनी जवानी ड्रग्स, तम्बाकू, सिगरेट एवं शराब के सेवन से बर्बाद न करें इसको सकारात्मक कार्यों में लगाएं। दूसरे लोगों की देखा-देखी में आप बुरी आदतों को ना पालें। अक्सर लोग कैंसर के नाम से डर जाते हैं, डॉक्टर द्वारा बताई गई जांचें समय पर नहीं करवाते हैं, जिससे शरीर में कैंसर और फैल जाता है। यदि आपको एक बार कैंसर हो चुका है, उसका ऑपरेशन, कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी डॉक्टर के अनुसार करवा लिया है तो आप निश्चिंत रह सकते हैं किन्तु नियमित अन्तराल पर चिकित्सकीय सलाह लेना आवश्यक है।

विभिन्न प्रकार के कैंसर बीमारी की जानकारी दी

डॉ. द्विवेदी ने सेमिनार को सम्बोधित करते हुए बताया कि आजकल कैंसर से भी भयानक बीमारी अप्लास्टिक एनीमिया हो रही है, इस बीमारी में तकलीफ यदि बढ़ी हुई है तो ब्लड व प्लेटलेट्स बार-बार चढ़वाना पड़ता है। इस तकलीफ को होम्योपैथिक इलाज से रोका जा सकता है। अपने सम्बोधन में डॉ. द्विवेदी ने विभिन्न प्रकार के होने वाले कैंसरों के बारे में जानकारी दी तथा इनसे बचाव उपाय बताए। डॉ. द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन, कीमोथेरेपी तथा रेडियोथेरेपी के साथ भी होम्योपैथिक दवाइयां प्रयोग की जा सकती हैं। डॉ. द्विवेदी ने बताया कि, कैंसर के अन्तिम स्टेज में भी होम्योपैथिक दवाइयां कारगर साबित हो रही हैं। डॉ. द्विवेदी ने कैंसर के प्रकार के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में होने वाला आम कैंसर है। इसी ग्रन्थि में शुक्राणु होते हैं, इस कैंसर के प्रारम्भिक दौर में कोई लक्षण नहीं होता है, इसलिए जब तक इसके बारे में पता चलता है, तब तक इसका इलाज काफी मुश्किल हो जाता है।

फेफड़ों का कैंसर धूम्रपान कारण

फेफड़ों का कैंसर प्रायः धूम्रपान के कारण होता है। ब्रेस्ट (स्तन) कैंसर महिलाओं में पाया जाने वाला सबसे आम कैंसर है। हार्मोनल असन्तुलन, गर्भ निरोधक दवाइयों का लम्बे समय तक उपयोग, मोबाइल का उपयोग तथा असन्तुलित आहार से महिलाओं में अधिकतर स्तन कैंसर होता है। इसी प्रकार ब्रेन कैंसर आमतौर पर सिगरेट या शराब के अधिक सेवन से होता है। लिवर (यकृत) कैंसर की सबसे बड़ी वजह अधिक शराब का सेवन है। यह सबसे आम किस्म का कैंसर है। ब्लड कैंसर इसमें ब्लड सेल्स असामान्य तौर पर विकसित होते हैं जो किसी भी उम्र वर्ग के व्यक्ति को हो सकता है।

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