Thursday 24 November 2022

अंजीर खाए एनीमिया भगाएं

गर आपका इम्यून सिस्टम मजबूत है तो आपको सेहत संबंधी समस्याओं का सामना कभी भी नहीं करना पड़ेगा।


रोगों से लड़ने की क्षमता इस पर निर्भर करती है कि आप कितनी पौष्टिक और संतुलित चीजों का सेवन करती हैं। फलों में एंटीऑक्सीडेंट तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जो संक्रमण और रोग से लड़ने की क्षमता बढ़ाते हैं।

ऐसा ही एक फल है अंजीर। इसमें कैल्शियम और लौह तत्व प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यह दिमाग को शांत रखता है और शरीर को आराम देता है। डायबिटीज में अंजीर बहुत उपयोगी होता है। अंजीर में आयरन और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाए जाने के कारण यह एनीमिया में लाभप्रद होता है। अंजीर में फॉस्फोरस, मैगनीज, सोडियम, पोटैशियम और क्लोरीन पाया जाता है। इसका सेवन करने से डायबिटीज, सर्दी-जुकाम, अस्थमा और अपच जैसी तमाम व्याधियां दूर हो जाती है।

  • अंजीर पोटैशियम का अच्छा स्त्रोत है जो ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
  • अंजीर में फाइबर होता है जो वजन को संतुलित रखता है और ओबोसिटी को कम करता है।
  • सूखे अंजीर में फेनोल, ओमगा-3, ओमेगा-6 होता है। यह फैटी एसिड कोरोनरी हार्ट डिजीज के खतरे को कम करने में मदद करता है।
  • इसमें पाए जाने वाले फाइबर से पोस्ट मेनोपॉजल ब्रेस्ट कैंसर होने का भय नहीं रहता।
  • अंजीर में कैल्शियम बहुत होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होता है।
  • कम पोटैशियम और अधिक सोडियम लेवल के कारण हाइपरटेंशन की समस्या पैदा हो जाती है। लेकिन अंजीर में पोटैशियम अधिक होता है और सोडियम कम होता है इसलिए यह हाइपरटेंशन की समस्या होने से बचाता है।
  • दो अंजीर को बीच में से आधा काटकर एक ग्लास पानी में रातभर के लिए भिगो दें। सुबह उसका पानी पीने और अंजीर खाने से रक्त संचार बढ़ता है।

न्यूट्रीशनल वैल्यू चार्ट 

1 अंजीर में 49 कैलरी, 0.579 ग्राम प्रोटीन, 12.42 ग्राम कार्ब, 2.32 ग्राम फाइबर, 0.222 ग्राम कुल वसा, 0.0445 ग्राम सैचुरेटेड फैट. 0.106 ग्राम पॉलीअनसैचुरेटेड फैट, 0.049 ग्राम मोनोसैचुरेटेड फैट और 2 मिग्रा सोडियम मिलता है। 

एनीमिया में होम्योपैथिक उपचार से भी राहत मिल सकती है

वैज्ञानिक सलाहाकर बोर्ड, केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद, आयुष मंत्रालय भारत सरकार के सदस्य एवं सुप्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. एके द्विवेदी के अनुसार एनीमिया के इलाज में होम्योपैथिक चिकित्सा से भी राहत पायी जा सकती है। डॉ. द्विवेदी कहते हैं कि होम्योपैथिक दवाईयों का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह लेना बिल्कुल न भूलें। याद रहे दवा हमेशा किसी अच्छे होम्योपैथिक चिकित्सक की देखरेख में ही लेनी चाहिए।

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