Thursday 6 September 2018

बेहतर ढंग से करें वृद्धावस्था का सामना



बढ़ती आयु में अकसर लोग शांत और नीरस हो जाते हैं और अक्सर स्वास्थ संबंधी चर्चा होने पर चुप्पी साध लेते हैं। भावनाओं को दबाने से उनके दिमाग में एक तरह की भावनात्मक हलचल होती है और इससे तनाव, निराशा और चिंता में वृद्धि होती है। अपने घरेलु व अन्य समस्याओं का हल ढूंढने और उसपर सलाह मशविरा करने के लिए अपने खास लोगों के साथ उसे शेयर करना चाहिए। अपनी भावनाओं को इस तरह दूसरे लोगों के साथ शेयर करने से व्यक्ति अपनी बढती आयु से उत्पन्न होने वाली समस्याओं  से छुटकारा पा जाता है।
जीवन के प्रति हमेशा सकारात्मक सोच रखे और जीवन की मध्य अवस्था का सामना करने के लिए मानसिक तौर पर पहले से ही तैयारी कर ले। उम्र बढने के साथ स्वास्थ्य में कई तरह का परिवर्तन होता है और इससे व्यक्ति के सैक्सुअल प्रर्दशन पर भी असर दिखने लगता है जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति अपने आप को असक्षम और अयोग्य समझने लगता है और एक तरह से हीन भावना से ग्रस्त हो जाता है। व्यक्ति में आत्मसम्मान में कमी, तनाव और निराशा जैसी बहुत सी बीमारियां  मनौवैज्ञनिक समस्याओं के कारण पैदा होती है जो आदमी के सैक्सुअल स्वास्थ्य को प्रभावित करने के साथ ही उसके संपूर्ण स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। व्यक्ति को चाहिए की अपनी पत्नी के साथ अपनी समस्याओं को शेयर करे, संभव है कि वह उन समस्याओं का हल ढूंढने के लिए कोई उपाय बताए और इससे तनाव और निराशा की स्थिति से निकलने में मदद मिले।
स्वीकार करना सीखें, उम्र बढऩा एक प्राकृतिक और अपरिहार्य प्रकिया है जिसे इंसान को हर हाल में स्वीकार करना होता है। उम्र बढने के साथ ही आपके संर्पूण स्वास्थ्य और जीवन में बहुत से बदलाव आते है जिसे आपकों स्वीकार कर उसके अनुकूल अपने आप को ढालना पड़ता है। शरीर में होने वाले बदलावों में विशेष तौर पर सैक्स क्षमता में कमी और मांस पेशियों में बदलाव आता है इसलिए आपको इसे स्वीकार कर इस परिवर्तन के साथ ही जीना पड़ेगा।
हमेशा पोषक तत्वों से भरपूर आहार ले और नियमित रूप से भोजन करे। पा्रेसेस्ड और फैटी भोजन करने से परेहज करे और इसके बदले में प्रचूर मात्रा में ताजे फल और फाइबर युक्त आहार का सेवन करें।
हर आयु में नियमित रूप से एक्सरसाइज करना जरूरी होता है लेकिन जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज कर अपना उर्जा नष्ट नहीं कर हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करनी चाहिए। इससे शरीर के साथ दिमाग पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है। अपने वजन को हमेशा नियंत्रण में रखे। मोटापा एक साथ कई बीमारियों को निमंत्रण देता है।
भोजन में पोषक तत्वों की कमी और कुपोषण से बचने के लिए मल्टीविटामिन्स और सप्लीमेंट ले। शरीर में किसी भी तरह का असहजता महसूस होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करे।
जीवन में काम-काजी बने, कुछ न कुछ  शारीरिक श्रम करते रहे। अपने शरीर को जरूरत के अनुसार आराम दे।
एक और खास बात, अपने पार्टनर के साथ वास्तविक संबंध रखे। अपने बेहतर संबंधों के लिए अपनी आकांक्षा और उम्मीदों को अपनी पत्नी के साथ शेयर करें। ऐसा महसूस करें कि आप दोनों दो जिस्म होकर भी एक जान की तरह है और दोनों की खुशी एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं।

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