Monday, 16 March 2015

मेनोपॉज की उदासी को करें दूर


हर महिला को उम्र की ढलान पर मेनोपॉज का सामना करना पड़ता है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन व प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है जिससे कई बार वे तनाव का शिकार हो जाती हैं और उन्हें बात-बात पर गुस्सा आता है। थकान, मोटापा, सिरदर्द, बदनदर्द और बालों का झडऩा जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इनसे बचने के लिए जरूरी है कि महिलाएं सही खानपान व व्यायाम अपनाएं।

यह है मेनोपॉज

स्त्री रोग विशेषज्ञ के अनुसार यह महिलाओं के शरीर में होने वाली एक ऐसी प्रक्रिया है जो 45-55 साल की उम्र के बीच होती है। इसमें महिलाओं को पीरियड्स होने बंद हो जाते हैं और उनकी प्रजनन क्षमता खत्म हो जाती है।

खानपान में बदलाव

कैल्शियम से भरपूर डाइट लें जैसे दूध, दही, ब्रोकली, सेम, गाजर, शकरकंदी और अंजीर आदि। इनसे हड्डियां मजबूत रहती हैं और आगे चलकर जोड़ों के दर्द की समस्या नहीं होती। मौसमी फल खाएं। फाइबर फूड जैसे पत्तागोभी, ब्रोकली, काबुली चने, राजमा, मसूर व अरहर की दाल अधिक मात्रा में लें। इस दौरान सोया डाइट भी काफी फायदेमंद होती है।

बॉडी में होगा सुधार

मेनोपॉज के दौरान व्यायाम काफी उपयोगी होता है। एक्सरसाइज करने से मोटापे के अलावा ह्वदय रोग और ऑस्टियोपोरोसिस की आशंका कम हो जाती है। एक्सरसाइज से मूड बेहतर होता है और टेंशन कम होती है। इससे एंडोर्फिन एक्टिविटी बढ़ जाती है जिससे रात में सोने के दौरान आने वाला पसीना कम हो जाता है और महिलाएं ठीक से सो पाती हैं।

खुद को व्यस्त रखें

मेनोपॉज के दौरान शारीरिक बदलावों की वजह से महिलाएं अक्सर अपने लुक को लेकर तनाव में आ जाती हैं। इससे बचने के लिए खुद को किसी न किसी एक्टिविटी में व्यस्त रखें। किताबें पढ़ें, बागवानी करें, घूमने जाएंं।

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