Tuesday 24 February 2015

मेटाबोलिक डिसऑर्डर नजरअंदाज न करें


क्या आपके शरीर में पोषक तत्व उचित मात्रा में बन रहे हैं? क्या आहार का पोषक तत्व में परिवर्तन सही तरह से हो पा रहा है? कहीं आपके शरीर में शर्करा अधिक या इन्सुलिन कम तो नहीं हो रही? क्या प्रोटीन उचित मात्रा में बन रहा है? यदि इस तरह की कुछ भी परेशानी है तो उसे हल्के में न लें, क्योंकि यह मेटाबोलिक डिसऑर्डर यानी चयापचय विकार के कारण हो सकता है।
हमारा शरीर सही तरह से काम करे, इसके लिए जरूरी है कि खाया गया आहार सही तरीके से ऊर्जा में बदले। शरीर द्वारा आहार को ऊर्जा में बदलने की जो पूरी प्रक्रिया की जाती है, उसे मेटाबोलिज्म यानी चयापचय प्रक्रिया कहते हैं।
हमारा आहार प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा से युक्त होता है। हमारे पाचन तंत्र में कुछ ऐसे रसायन होते हैं, जो खाने को शरीर के भीतर ही शर्करा और एसिड में बदलते हैं। शरीर यह ईंधन या तो तुरंत इस्तेमाल कर लेता है या फिर इस ऊर्जा को शरीर के ऊतकों, जिगर, मांसपेशियों और शरीर में वसा के रूप में जमा कर लेता है। जब इस प्रक्रिया को असामान्य रासायनिक प्रतिक्रियाएं बाधित करने लगती हैं तो चयापचय विकार पनपने लगता है। ऐसा होने पर व्यक्ति के स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक तत्व या तो जरूरत से अधिक मात्रा में बनने लगते हैं या अत्यंत कम मात्रा में बनते हैं।

क्या हैं इसके दुष्परिणाम

हमारे शरीर में होने वाली चयापचय प्रक्रिया के बिगडऩे से विभिन्न तरह के रोगों से ग्रस्त होने की आशंका बढ़ जाती है। यही नहीं, अलग-अलग उम्र में चयापचय विकार से होने वाले रोग भी भिन्न हो सकते हैं। इन रोगों के लक्षण, कारण और इलाज भी रोग व उसकी स्थिति पर ही निर्भर करते हैं। हालांकि चयापचय प्रक्रिया के सुचारु रूप से कार्य न करने से होने वाली अधिकांश बीमारियों के इलाज संभव हैं।
कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं
  • डायबिटीज
  • थायराइड की परेशानी
  • यूरिक एसिड बढऩा
  • लिपिड विकार
  • गुर्दे और अग्नाशय से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं

बचाव के लिए क्या करें

  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। सोने-जागने का समय निर्धारित करें और पूरी नींद लें। नियमित व्यायाम या वॉकिंग/जॉगिंग करें।
  • संतुलित आहार लें। अपने लिए जरूरी संतुलित आहार के बारे में आप स्वयं तय न कर पा रहे हों तो एक बार डायटीशियन से मिल कर जरूरी सलाह ले लें।
  • सेहत संबंधी परेशानियों को नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से मिल कर जरूरी उपचार कराएं।
  • आपको डायबिटीज, बीपी जैसी कोई स्वास्थ्य संबंधी स्थाई समस्या है तो उसके लिए ली जाने वाली दवाओं को कभी नजरअंदाज न करें।

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