Tuesday 10 February 2015

प्रोस्टेट कैंसर के लिए होम्योपैथी


प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में होने वाला आम कैंसर है। होम्योपैथिक दवाइयों से प्रोस्टेट की सभी परेशानी में आशानुरूप परिणाम मिल रहा है। दवा खाने में आने वाले मरीजों में बड़े प्रोस्टेट, पूरी तरह से पेशाब की थैली (यूरिनरी ब्लैडर) खाली न होना, बार-बार पेशाब आना, पेशाब में जलन अथवा दर्द होने के साथ-साथ प्रोस्टेट कैंसर, एडिनोकार्सिनोमा के मरीज नियमित रूप से आते हैं जिन्हें होम्योपैथी दवाइयों से काफी लाभ मिल रहा है। कई मरीज जिनकी उम्र ६० वर्ष से ८० वर्ष थी तथा जिनको स्वयं पेशाब पूरी न होने के कारण कैथेटर द्वारा पेशाब करने की सलाह अन्य चिकित्सकों (सर्जन) द्वारा दी गई थी। होम्योपैथिक दवाइयों के कुछ समय के प्रयोग से उन्हें कैथेटर से भी मुक्ति मिल गई और पेशाब से संबंधित सभी समस्याएं भी खत्म हो गई। 
कैंसर के उपचार के लिए वनस्पति, जानवर, खनिज पदार्थ और धातुओं से बनी 200 से भी अधिक होम्योपैथी दवाईयां उपयोग में लाई जा सकती हैं। कैंसर के उपचार के लिए उपयोग में आने वाली होम्योपैथिक औषधि का चयन रोगी के लक्षण तथा रोग की अवस्था एवं उसकी पैथालॉजिकल रिपोर्ट के आधार पर की जा सकती है।
होम्योपैथी उपचार सुरक्षित हैं और शोध के अनुसार कैंसर और उसके दुष्प्रभावों के इलाज के लिए होम्योपैथी उपचार असरदायक हैं। यह उपचार आपको आराम दिलाने में मदद करता है और तनाव, अवसाद, बैचेनी का सामना करने में मरीज की मदद करता है। यह उल्टी, मुंह के छाले, बालों का झडऩा, अवसाद और कमज़ोरी जैसे दुष्प्रभावों को घटाता है। ये औषधियां दर्द को कम करती हैं, उत्साह बढा़ती हैं और तन्दुरूस्ती का बोध कराती हैं, कैंसर के प्रसार को नियंत्रित करती हैं, और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाती हैं। कैंसर के रोग के लिए एलोपैथी उपचार के उपयोग के साथ-साथ होम्योपैथी चिकित्सा का भी एक पूरक चिकित्सा के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
रेडिएशन थैरेपी, कीमोथैरेपी और हॉर्मोन थैरेपी जैसे परंपरागत कैंसर के उपचार से अनेकों दुष्प्रभाव पैदा होते हैं। ये दुष्प्रभाव हैं - संक्रमण, उल्टी होना, जी मिचलाना, मुंह में छाले होना, बालों का झडऩा, अवसाद (डिप्रेशन), और कमज़ोरी महसूस होना। होम्योपैथी उपचार से इन लक्षणों और दुष्प्रभावों को नियंत्रण में लाया जा सकता है। रेडियोथेरिपी के दौरान अत्यधिक त्वचा शोथ (डर्मटाइटिस) और कीमोथेरेपी-इंडुस्ड स्टोमेटायटिस के उपचार में होम्योपैथिक दवाइयां का प्रयोग असरकारक पाया जा रहा है।

-डॉ. ए. के. द्विवेदी
बीएचएमएस, एमडी (होम्यो)
प्रोफेसर, एसकेआरपी गुजराती होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, इंदौर
संचालक एडवांस्ड होम्यो हेल्थ सेंटर एवं
होम्योपैथिक मेडिकल रिसर्च प्रा. लि., इंदौर

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