आप चुपचाप बैठे हैं या किसी से बात करने में मशगूल हैं, लेकिन पैर हिला रहे हैं। आमतौर पर लोग इसे सामान्य आदत के रूप में लेते हैं। लेकिन विशेषज्ञ इसे बीमारी का संकेत मानते हैं। उनका तो यहां तक कहना है कि पैर हिलाने की आदत पालने वाले लोगों को दिल का दौरा पडऩे का खतरा ज्यादा रहता है। पैर हिलाने की आदत को मेडिकल साइंस में रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है। शोध के मुताबिक पैर हिलाने की समस्या से पीडि़त लोगों में हार्ट अटैक का खतरा दोगुना बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं का तो यह भी कहना है कि आरएलएस सीधे तौर पर नींद कम आने की समस्या से जुड़ा हुआ है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल, बोस्टन के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. जॉन डब्ल्यू. विंकलमैन ने बताया कि आरएलएस से पीडि़त लोगों में हार्ट अटैक का खतरा दोगुना तक बढ़ जाता है। दरअसल, आरएलएस से पीडि़त व्यक्ति नींद आने से पहले 200 से 300 बार अपना पैर हिला चुका होता है। पैर हिलाने से रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) और हार्ट बीट्स (दिल की धड़कन) बढ़ जाती हैं। आगे चलकर यह दिल की बीमारियों (कार्डियोवेस्कुलर डिजीज) की सबसे बड़ी वजह बन जाता है।
शोधकर्ताओं ने यह नतीजा 68 साल की औसत उम्र वाले 34 सौ लोगों पर अध्ययन के बाद निकाला है। शोध के दौरान प्रतिभागियों के आरएलएस लक्षण व उनकी दिल की बीमारियों का तुलनात्मक अध्ययन किया। सात प्रतिशत महिलाओं व तीन प्रतिशत पुरुषों में आरएलएस और दिल की बीमारियों में सीधा संबंध देख गया।
इतना ही नहीं, आरएलएस लक्षणों को जब उम्र, वजन, ब्लड प्रेशर और धूम्रपान जैसे दूसरे कारकों से जोड़ा गया तो पता चला कि पैर हिलाने की मामूली सी लगने वाली आदत दरअसल हार्ट अटैक के खतरे को दोगुना तक बढ़ा देती है। अब तो आप पैर हिलाने के खतरों को जान ही गए है। बेहतर होगा कि यह आदत तुरंत छोड़ दें।
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