दुनिया में दर्द का कोई ईलाज नहीं है। फिर भी दवाखाने पर प्रति दिन जो मरीज आते हैं वे चाहते हैं कि उन्हें ऐसी कोई होम्योपैथिक दवाई दी जाए जिससे उनका दर्द कम हो जाए। हम यदि दर्द के कारण का पता लगाकर उसका निवारण नहीं करेंगे तो दर्द में राहत मिलना मुश्किल है। दर्द एक आम समस्या है जिसका इलाज अक्सर इंसान ढ़ूंढता है।
दर्द के आम प्रकार- पीठ का दर्द, सिर दर्द, पेट दर्द और जोड़ों का दर्द है जोकि ऑस्टियोआर्थराइटिस या गठिया, माइग्रेन या पेट की अन्य समस्या की वजह से हो सकता है।
तेज दर्द आमतौर पर किसी मांसपेशियों के चोटिल होने, हड्डियों, जोड़ या किसी आंतरिक अंगों में चोट की वजह से हो सकता है। कान का दर्द, सिर दर्द किसी संक्रमण से हो सकता है।
दर्द को कैटेगरी में भी बांटा जा सकता है न्यूरोपैथिक और साइकॉजेनिक में बांटा जा सकता है। गंभीर, तेज और लगातार दर्द इंसान को काम करने, सामाजिक और स्वस्थ जिंदगी में आनंद करने से रोक सकता है। पुराने दर्द में आमतौर पर होम्योपैथिक दवाईयों का प्रयोग करके कई तरह के गंभीर साइड इफेक्ट से बचा जा सकता है।
एलोपैथिक दवाओं के साथ-साथ उपचार के कई अन्य तरीके खोजे गए हैं। पुराने दर्द वाले लोगों का होम्योपैथी इलाज ढूढने का आम कारण है इन्जेक्शन, टैबलेट एवं दर्द निवारक लेप लगाने के बावजूद भी लगातार दर्द बने रहना।
ऑस्टियोआर्थराइटिस
ऑस्टियोआर्थराइटिस के उपचार का मुख्य उद्देश्य दर्द से आराम दिलाना और बिमारियों को नियंत्रण करना। वैसे होम्योपैथी उपचार ऑस्टियोआर्थराइटिस के लिए इफेक्टिव पांरपरिक उपचार है।ऑस्टियोआर्थराइटिस के इलाज के लिए कुछ होम्योपैथी दवाईयां जैसे रस-टाक्स, ब्रायोनिया, जेल्सिमियम, कास्टिकम, अर्निका, लेकेसिस, कैलकेरिया फॉस आदि अत्यंत प्रभावी है।
कानों के दर्द के लिए
होम्योपैथी दवाएं कानों में दर्द के लिए बहुत ही प्रभावी होती हैं। अगर आपको कान में दर्द है तो किसी होम्योपैथी चिकित्सक से सलाह लें। कान के दर्द में प्रभावी दवाएं पल्सेटिला, बेलाडोना, हीपर सल्फ, कॉलिम्यूर इत्यादि हैं।गठिया
गठिया के उपचार में प्रयोग होने वाली दवाएं एपिस मेल, अर्निका, ब्रायोनिया, कास्टिकम, पल्सेटिला, रस टॉक्स, रुटा आदि लक्षणानुसार दी जा सकती हैं।सिरदर्द और माइग्रेन्स
होम्योपैथी दवाईयां जो कि सिर दर्द को ठीक करती हैं व माइग्रेन्स से पूर्ण रूप से निजात दिलाती है जैसे नेट्रमम्यूर, इग्निशिया, पल्सेटिला, ग्लोनाइन इत्यादि।दांत दर्द
दांतों के इलाज के लिए भी होम्योपैथिक दवाएं प्रभावी होती हैं जैसे कोफिया, मर्कसोल, केमोमिला, प्लेन्टेगो व स्टेफीसेग्रिया आदि।मोच दर्द
चोट के बाद होने वाले दर्द के उपचार के लिए अर्निका, ब्रायोनिया, रस टॉक्स, रुटा, हाईपेरिकम जैसी होम्योपैथिक दवाओं का प्रयोग किया जाता है।किसी भी प्रकार के गंभीर और तेज दर्द से बचने के लिए होम्योपैथिक चिकित्सक से सलाह लेकर ही होम्योपैथिक दवाइयों का सेवन करें आशानुरूप परिणाम मिलेंगे।
डॉ. ए. के. द्विवेदी
बीएचएमएस, एमडी (होम्यो)
प्रोफेसर, एसकेआरपी गुजराती होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, इंदौर
संचालक, एडवांस्ड होम्यो हेल्थ सेंटर एवं होम्योपैथिक मेडिकल रिसर्च प्रा. लि., इंदौर
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