न्यूरोलॉजी नाम की पत्रिका में छपे शोध में कहा गया है कि विटामिन डी की कमी से उम्रदराज़ लोगों में पागलपन का ख़तरा बढ़ जाता है। मछली, दालों और त्वचा के सूरज की रोशनी के संपर्क में आने से विटामिन डी मिलता है। ब्रिटेन के शोधकर्ता 65 साल से अधिक की उम्र के 1,650 से अधिक लोगों पर किए अध्ययन के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं। हालांकि इस नतीजे पर पहुंचने वाला यह पहला शोध नहीं है, लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि यह अध्ययन काफी विस्तृत था।
बढ़ेगा ख़तरा
यूनिवर्सिटी ऑफ़ एकेस्टर मेडिकल स्कूल के डेविड लेवेलिन के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय टीम ने लगभग छह साल तक उम्रदराज़ लोगों पर शोध किया। शोध से पहले इन सभी व्यक्तियों में पागलपन, दिल की बीमारियां और दिल का दौरा जैसी बीमारियां नहीं थीं। अध्ययन के अंत में पाया गया कि 1,169 लोगों में विटामिन डी का स्तर अच्छा था और उनमें 10 में से एक व्यक्ति में पागलपन का ख़तरा होने की संभावना थी। जिन 70 व्यक्तियों में विटामिन डी का स्तर बहुत कम था, उनमें से पाँच में से एक में पागलपन का ख़तरा होने की संभावना जताई गई।
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