Monday, 1 September 2014

ताकि हृदय रहे धड़कता...


हृदय जो हमारे शरीर का केंद्र बिंदु है इससे ही हमें प्यार, खुशी एवं दु:ख का अहसास होता है, जब भी हमारा हृदय जोर से धड़कता है, हम उन सारी अनुभूतियों को महसूस करते हैं।
हृदय में खुशी हो, ममता हो या प्यार हो, ये हमारे शरीर की ऊर्जा को बढ़ाते हैं, पर यही हृदय दु:ख में, अवसाद में या तनाव में हमें नकारात्मक ऊर्जा से भर देता है, जिससे हम बीमार हो जाते हैं।
धड़कता हृदय जीवन से भरपूर होता है परन्तु वह शनै:-शनै: कई तरह की बीमारियों का द्योतक होता जाता है और हमारा जीवन उस बीमार हृदय के साथ बड़ा नीरस होने लगता है इसलिए इस नाजूक से हृदय का हमें ख्याल रखना चाहिए।
डॉ. ए.के. द्विवेदी

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