समय के परिवर्तन के साथ-साथ जहां महिलाओं के रहन-सहन में एवं विचारों में परिवर्तन आया है, वही खुद के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का विकास यानि हेल्थ अवेयरनेस भी आई है।
सृष्टि के निर्माण के साथ ही नारी सौन्दर्य को इश्वर की सर्वोत्तम कृतियों में से एक माना गया है। गृहस्थी की जिम्मेदारियों व समय की मांग को देखते हुए स्त्रियों ने जागरूकता तो अपनाई है, किन्तु कई बार सही मार्गदर्शन के अभाव में स्तन व उससे संबंधित बीमारियों व निदान के उपायों की अवहेलना भी की है।
नारी वक्ष केवल सौन्दर्य का ही प्रतीक नहीं है बल्कि मां होने के गौरव भी उसने नारी को दिखाया है। स्तन व उससे जुड़ी बीमारियों के प्रति परेशान होने शर्मिन्दा होने व डरने की बजाय अगर आप उसके प्रति जागरूक हो जावे - जैसे कि आप अपने पूरे शरीर के प्रति है, तो उससे संबंधित रोगों को लाइलाज होने से पहले रोकथाम कर सकते हैं।
स्तनों की जांच के लिए नहाते समय या कपड़े बदलते समय उसमें होने वाले किसी भी परिवर्तन को देखा या महसूस किया जा सकता है, जिसे आप ़10-15 दिन के अंतर से कर सकते है।
आपको किन परिवर्तनों को देखना है -
लक्षण
बाहारी आकार, या दोनों हाथ उपर करने पर किसी गठान का उभर आना ।स्तन की चमड़ी का अंदर की तरफ खींच जाना या उसका आकार संतरे के छिलके की तरह खुरदरा होना ।
अहसास
छूने पर गठान का महसूस होना या निप्पल के पास किसी गठान का उभरना या दर्द होना ।रिसाव
दूध के अलावा निप्पल से होने वाल डिस्चार्ज जो ब्लड भी हो सकता है, पस हो सकता है, सफेद पानी सा रिसाव भी हो सकता है। उस पर पपड़ी जमी हो सकती है या एक्जिमा जैसा भी हो सकता है।अब क्या करना चाहिए अगर आपने कोई परिवर्तन नोट किया है तो डॉक्टर की सहायता लें।
पहले एक समय था जब महिला शल्य चिकित्सक नहीं होने की वजह से या तो बीमारी को छुपा लिया जाता था या फिर गायनकोलाजिस्ट को दिखाया जाता था, परन्तु अब महिला सर्जन डॉक्टर उपलब्ध है। स्तन में होने वाली हर गांठ कैंसर नहीं होती है यह बात जितनी महत्वपूर्ण उतना ही उसका बायोप्सी से कनफर्म करना होता है।
ब्रेस्ट कैंसर से संबंधित कुछ तथ्य है जो मैं आपके साथ बांटना चाहती हूं- जैसे
यह पुरूषों में भी होता है पर उसका अनुपात 100 में 1 प्रतिशत है।
महिलाओं में होने वाला यह सबसे कॉमन कैंसर है।
अमेरिका में इसका इनसीडेंस सबसे ज्यादा है।
40 वर्ष से 60 वर्ष के बीच 100 में से 16 प्रतिशत महिलाओं को स्तन से संभावित कुछ न कुछ बीमारी होती है जिसमें 40 प्रतिशत महिलाएं स्तन में गठान से पीडि़त होती है।
40 वर्ष के ऊपर की महिला अगर स्तन में गठान के साथ आती है तो उसको पूरी तरह से जांच करवाना चाहिए।
कैंसर क्या है
असामान्य तरीके से स्तन में कोशिकाओं के बढऩे से होने वाली गठान या परिवर्तन कैंसर हो सकता है। इसका कोई ठोस सबूत नहीं है पर हां बहुत सारे कारण जरूर है जो इसके होने को खतरे को बढ़ा देते हैं। जैसे- बढ़ती उम्र के साथ इसकी रिस्क भी बढ़ती है।
- परिवार में कोई स्तर कैंसर या अन्य कैंसर से पीडि़त है।
- अगर उसको माहवारी जल्दी शुरू हुई है और बंद देरी से हुई है तो ऐसी महिलाओं में इसका खतरा बढ़ जाता है।
- मोटापा होना हेवी ब्रेस्ट होने से भी रिस्क बढ़ती है।
- ब्रेस्ट फिडिंग ना करवाना ये भी कारण हो सकता है।
- फेमेली प्लानिंग के लिए ली जाने वाली हार्मोन की गोलियां ओरल पिल्स कानट्रेस्पटिव पिल्स।
- पुरूषों से बराबरी और आधुनिकता के चलते आज कल महिलाओं में शराब के सेवन का चलन बढ़ गया है यह भी एक रिस्क फेक्टर है।
नियमित व्यायाम से कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है -
इसलिए यदि स्तन में गठान है या चमड़ी में बदलाव आया है या निप्पल से कुछ तरल पदार्थ निकल रहा है तो उसको अनदेखा न कर तुरंत चिकित्सक की सलाह लेना जरूरी है।
कैंसर रोगी की कन्फर्मेशन हम ब्रेस्ट क्लीनिसीयन की मदद से सोनोमेमा, मेमोग्राफी बायोप्सी से कर सकते है।
कुछ स्तन की बीमारियों जो कैंसर तो नहीं होती पर कैंसर की रिस्क को बढ़ा देती है अत: उस पर भी ध्यान देना आश्यक है।
स्तर कैंसर कई तरह के होते है और उसके फैलाव और बचाव के कारण भी कैंसर के टाइप पर निर्भर करता है। अगर लो सीवियरिटी का रहेगा तो धीरे-धीरे बढ़ेगा और ट्रीटमेंट के बाद उसका परिणाम भी अच्छा होगा। इसके अलावा कैंसर की स्टेज पर भी इसका इलाज और आगे का परिणाम निर्भर करता है। ये दोनों ही बाते बायोप्सी से कन्फर्म होती है। कुछ हार्मोन के माक्र्स भी होते है जो इसके आने वाले परिणाम को बताते हैं। इलाज के लिए सर्जरी, कीमोथैरपी एवं रेडियोथ्रेपी तीनों का ही महत्वपूर्ण रोल होता है। अत: स्तन में पायी जाने वाली हर गठान कैंसर नहीं होती है और स्तन कैंसर का इलाज संभव है।
इसलिए यदि स्तन में गठान है या चमड़ी में बदलाव आया है या निप्पल से कुछ तरल पदार्थ निकल रहा है तो उसको अनदेखा न कर तुरंत चिकित्सक की सलाह लेना जरूरी है।
कैंसर रोगी की कन्फर्मेशन हम ब्रेस्ट क्लीनिसीयन की मदद से सोनोमेमा, मेमोग्राफी बायोप्सी से कर सकते है।
कुछ स्तन की बीमारियों जो कैंसर तो नहीं होती पर कैंसर की रिस्क को बढ़ा देती है अत: उस पर भी ध्यान देना आश्यक है।
स्तर कैंसर कई तरह के होते है और उसके फैलाव और बचाव के कारण भी कैंसर के टाइप पर निर्भर करता है। अगर लो सीवियरिटी का रहेगा तो धीरे-धीरे बढ़ेगा और ट्रीटमेंट के बाद उसका परिणाम भी अच्छा होगा। इसके अलावा कैंसर की स्टेज पर भी इसका इलाज और आगे का परिणाम निर्भर करता है। ये दोनों ही बाते बायोप्सी से कन्फर्म होती है। कुछ हार्मोन के माक्र्स भी होते है जो इसके आने वाले परिणाम को बताते हैं। इलाज के लिए सर्जरी, कीमोथैरपी एवं रेडियोथ्रेपी तीनों का ही महत्वपूर्ण रोल होता है। अत: स्तन में पायी जाने वाली हर गठान कैंसर नहीं होती है और स्तन कैंसर का इलाज संभव है।
हमें जाँच करवानी है तो हम संपर्क कहा करे.
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