जननांगों पर मस्से (जेनिटल वाटर्स) होने का कारण ह्यूमन पैपीलोमा-वायरस (एचपीवी) है। यह पूरे विश्व में सबसे आम पाया जाने वाला यौनसंचारित रोग है। आपके जननांगों (लिंग, योनि या गुदा) पर एचपीवी संक्रमण हो सकता है, इसके साथ-साथ यह आपके मुंह के अंदर और गले में भी हो सकता है।
एचपीवी से संक्रमित अधिकांश लोगों को इसका पता नहीं चलता क्योंकि उन्हें मस्से या दाने होने का पता नहीं होता। फिर भी संक्रमित व्यक्ति से यह दूसरों को लग सकता है।
जननांग पर हुए मस्सों का कोई इलाज नहीं है। या तो वे अपने-आप ठीक हो जाते हैं अथवा इन्हें दबाने के लिए आपको उपाय तलाशने होते हैं।
जननांग पर मस्से कैसे होते हैं?
असुरक्षित मुख, यौन और गुदा मैथुन करने से आपको जननांग पर मस्से हो सकते हैं। साथ ही यह विषाणु किसी ऐसे व्यक्ति के सेक्स ट्वाय का प्रयोग करने से भी आपको हो सकता है, जिसके जननांग पर मस्से तो नहीं हैं किंतु वह ह्यूमन पैपीलोमावायरस से संक्रमित है।
साथ-साथ नहाने, एक ही तौलिया, प्याले या चम्मच, कांटे आदि का प्रयोग करने से यह आपको नहीं लगता हैं, न तो यह तरण ताल (स्वीमिंग पूल) में तैरने या टॉयलेट सीट का प्रयोग करने से होता है।
जननांग पर होने वाले मस्सों (जेनाइटल वार्ट्स) के लक्षण क्या हैं?
जननांग पर होने वाले मस्सों से बचने के लिए आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं-
1. टीके लगवाएं
2. जेनाइटल वार्ट्स, जिस विषाणु, ह्यूमन पैपीलोमा-वायरस (एचपीवी) के कारण होता है, उससे प्रतिरक्षा के लिए टीके उपलब्ध हैं।
ऐसे 40 प्रकार के एचपीवी जिनके कारण जेनिटल वार्ट्स होते हैं, इनमें से केवल 4 सबसे आम एचपीवी के खिलाफ ये टीके सुरक्षा प्रदान करते हैं। महिलाओं और लड़कियों के लिए दो टीके - सर्वारिक्स और गार्डासिल, उपलब्ध हैं। गार्डासिल सभी चार प्रकार के एचपीवी से सुरक्षा प्रदान करता है, इसकी तुलना में सर्वारिक्स केवल दो प्रकार के एचपीवी से सुरक्षा प्रदान करता है। पुरुषों और लड़कों के लिए केवल गार्डासिल उपलब्ध है। लड़कियां एवं लड़के दोनों ही इन टीकों को 9 से 26 वर्ष की उम्र के बीच लगवा सकते हैं।
3. हमेशा कंडोम का प्रयोग करें।
कंडोम का प्रयोग करने से आपको जेनिटल वार्ट्स होने या उनके फैलाने का जोखिम कम हो सकता है। हालांकि उनसे पूरी तरह जोखिम खत्म नहीं होता, क्योंकि जेनिटल वार्ट्स उन जगहों पर भी हो सकते हैं जो कंडोम से नहीं ढकी होती हैं।
4. कम साथियों के साथ यौन संबंध बनाएं।
आपको जेनिटल वार्ट्स होने का जोखिम उतना ही बढ़ता जाता है, जितने अधिक आपके यौन संबंध बनाने वाले साथी होते हैं- यौन संबंध बनाने वाले साथियों की संख्या के साथ-साथ यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपके पूरे जीवन काल में आपके कितने यौन संबंध बनाने वाले साथी रहे हैं।
साथ-साथ नहाने, एक ही तौलिया, प्याले या चम्मच, कांटे आदि का प्रयोग करने से यह आपको नहीं लगता हैं, न तो यह तरण ताल (स्वीमिंग पूल) में तैरने या टॉयलेट सीट का प्रयोग करने से होता है।
जननांग पर होने वाले मस्सों (जेनाइटल वार्ट्स) के लक्षण क्या हैं?
जननांग पर होने वाले मस्सों से बचने के लिए आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं-
1. टीके लगवाएं
2. जेनाइटल वार्ट्स, जिस विषाणु, ह्यूमन पैपीलोमा-वायरस (एचपीवी) के कारण होता है, उससे प्रतिरक्षा के लिए टीके उपलब्ध हैं।
ऐसे 40 प्रकार के एचपीवी जिनके कारण जेनिटल वार्ट्स होते हैं, इनमें से केवल 4 सबसे आम एचपीवी के खिलाफ ये टीके सुरक्षा प्रदान करते हैं। महिलाओं और लड़कियों के लिए दो टीके - सर्वारिक्स और गार्डासिल, उपलब्ध हैं। गार्डासिल सभी चार प्रकार के एचपीवी से सुरक्षा प्रदान करता है, इसकी तुलना में सर्वारिक्स केवल दो प्रकार के एचपीवी से सुरक्षा प्रदान करता है। पुरुषों और लड़कों के लिए केवल गार्डासिल उपलब्ध है। लड़कियां एवं लड़के दोनों ही इन टीकों को 9 से 26 वर्ष की उम्र के बीच लगवा सकते हैं।
3. हमेशा कंडोम का प्रयोग करें।
कंडोम का प्रयोग करने से आपको जेनिटल वार्ट्स होने या उनके फैलाने का जोखिम कम हो सकता है। हालांकि उनसे पूरी तरह जोखिम खत्म नहीं होता, क्योंकि जेनिटल वार्ट्स उन जगहों पर भी हो सकते हैं जो कंडोम से नहीं ढकी होती हैं।
4. कम साथियों के साथ यौन संबंध बनाएं।
आपको जेनिटल वार्ट्स होने का जोखिम उतना ही बढ़ता जाता है, जितने अधिक आपके यौन संबंध बनाने वाले साथी होते हैं- यौन संबंध बनाने वाले साथियों की संख्या के साथ-साथ यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपके पूरे जीवन काल में आपके कितने यौन संबंध बनाने वाले साथी रहे हैं।
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