बच्चों में दाँत निकलने की शुरुआत 6 से 8 वें महीने में होती है, कुछ बच्चों में देरी से भी दाँत निकलते हैं। आमतौर पर यह बच्चे के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। अगर बच्चों के दाँत देरी से निकलने शुरू होते हैं तो इस बारे में ज्यादा चिंता नहीं करनी चाहिए। दाँत निकलने का क्रम सही होना चाहिए। बच्चों के दाँत पहले नीचे, सामने निकलते हैं, फिर ऊपर के सामने के दाँत आते हैं।
- बच्चे के जब दाँत निकलने शुरू होते हैं तो उसके मसूड़े सूज जाते हैं। उनमें खुजली होती है, इससे उसे हर समय झुंझालाहट होती है। इस दौरान वह अक्सर अपनी ऊँगली मुँह में डालता रहता है।
- उसे अपने आसपास, जो भी चीज दिखाई देती है, वह हर चीज को मुँह में डालता रहता है। इस दौरान सबसे ज्यादा इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि बच्चा, जो कुछ भी मुँह में डाले, वह गंदा न हो।
- आमतौर पर यह कहा जाता है कि दाँत निकलते समय बच्चे को दस्त लग जाते हैं। हालांकि ऐसा होता भी है, लेकिन इसकी खास वजह होती है बच्चे की साफ-सफाई में बरती गई लापरवाही। बच्चे को इस दौरान दस्त तभी लगते हैं, जब कोई गंदी चीज उसके मुँह में चली जाती है।
- हमारे मुँह में जीवाणु हमेशा मौजूद रहते हैं। बच्चे के जब दाँत नहीं होते, उस समय उसके मुँह के अंदर जीवाणुओं की तादाद कम होती है और जैसे-जैसे बच्चे के दाँत निकलते जाते हैं, जीवाणुओं की संख्या भी बढ़ती जाती है, क्योंकि बच्चा जीवाणुओं को झेल नहीं सकता, इसलिए उस का पेट खराब हो जाता है और उसे दस्त लग जाते हैं।
- धीरे-धीरे जब बच्चा जीवाणुओं के साथ अपना तालमेल बिठा लेता है तो उस का पेट भी ठीक हो जाता है। बच्चे को शारीरिक परेशानी हो तो उसे डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा देनी चाहिए।
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