Monday, 24 November 2014

कैंसर की चिकित्सा के लिए होम्योपैथी सुलभ चिकित्सा


चिकित्सा जगत में निरन्तर हो रहे प्रगति के सभी उजले दावों के बावजूद दुनिया में कैंसर के लगभग 60 प्रतिशत केसेस भारत में पाए जाते हैं। कैंसर सबसे भयानक रोगों में से एक है, कैंसर के रोग की परंपरागत औषधियों में निरंतर प्रगति के बावज़ूद इसे अभी तक अत्यधिक अस्वस्थता और मृत्यु के साथ जोडा़ जाता है। और कैंसर के उपचार से अनेक दुष्प्रभाव जुडे हुए हैं। कैंसर के मरीज़ कैंसर पेलिएशन, कैंसर उपचार से होनेवाले दुष्प्रभावों के उपचार के लिए, या शायद कैंसर के उपचार के लिए भी अक्सर परंपरागत उपचार के साथ-साथ होमियोपैथी चिकित्सा के लिए निरन्तर हमारे दवाखाने पर मरीज नियमित रूप से आते रहते हैं।

दुष्प्रभावों को नियंत्रित करने के लिए होमियोपैथी चिकित्सा

रेडिएशन थैरेपी, कीमोथैरेपी और हॉर्मोन थैरेपी जैसे परंपरागत कैंसर के उपचार से अनेकों दुष्प्रभाव पैदा होते हैं। ये दुष्प्रभाव हैं - संक्रमण, उल्टी होना, जी मितलाना, मुंह में छाले होना, बालों का झडऩा, अवसाद (डिप्रेशन), और कमज़ोरी महसूस होना। होमियोपैथी उपचार से इन सभी लक्षणों और दुष्प्रभावों को नियंत्रण में लाया जा सकता है। रेडियोथेरिपी के दौरान अत्यधिक त्वचा शोध (डर्मटाइटिस) के लिए 'टॉपिकल केलेंडुलाÓ जैसा होमियोपैथी उपचार और कीमोथेरेपी-इंडुस्ड स्टोमेटाइटिस के उपचार में आर्सेनिक अलबम का प्रयोग असरकारक पाया जाता है।
होमियोपैथी उपचार सुरक्षित हैं और कुछ विश्वसनीय शोधों के अनुसार कैंसर और उसके दुष्प्रभावों के इलाज के लिए होमियोपैथी उपचार असरकारक हैं। यह उपचार आपको आराम दिलाने में मदद करता है और तनाव, अवसाद, बैचेनी का सामना करने में आपकी मदद करता है। यह अन्य लक्षणों और उल्टी, मुंह के छाले, बालों का झडऩा, अवसाद और कमज़ोरी जैसे दुष्प्रभावों को घटाता है। ये औषधियां दर्द को कम करती हैं, उत्साह बढा़ती हैं और तन्दुरस्ती का बोध कराती हैं, कैंसर के प्रसार को नियंत्रित करती हैं, और प्रतिरोधक क्षमता को बढाती हैं। कैंसर के रोग के लिए एलोपैथी उपचार के उपयोग के साथ-साथ होमियोपैथी चिकित्सा का भी एक पूरक चिकित्सा के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। सिफऱ् होमियोपैथी दवाईयां या एलोपैथी उपचार के साथ साथ होमियोपैथी दवाईयां ब्रेन ट्यूमर, अनेक प्रकार के कैंसर जैसे के गाल, जीभ, भोजन नली, पाचक ग्रन्थि, मलाशय, अंडाशय, गर्भाशय; मूत्राशय, ब्रेस्ट और प्रोस्टेट ग्रंथि के कैन्सर के उपचार में उपयोगी पाई जा रही हैं।
 चूंकि होमियोपैथी उपचार चिकित्सा का एक संपूर्ण तंत्र है, यह तंत्र सिफऱ् अकेली बीमारी को ही नहीं, बल्कि व्यक्ति को एक संपूर्ण रूप में देखता है।  कैंसर के मरीज़ कैंसर पेलिएशन, कैंसर उपचार से होनेवाले दुष्प्रभावों के उपचार के लिए, या शायद कैंसर के उपचार के लिए भी अक्सर परंपरागत उपचार के साथ साथ होमियोपैथी चिकित्सा को भी जोडते हैं। यदि आप कैंसर के एक रोगी हैं, और कैंसर के लिए या एलोपैथी इलाज से होनेवाले दुष्प्रभावों के इलाज के लिए होमियोपैथी चिकित्सा का उपयोग करना चाहते हैं, तो कृपया अपने चिकित्सक को इस बात की जानकारी अवश्य दें। यदि आप कैंसर के लिए होमियोपैथी की दवाईयां ले रहे हैं, तो अपने ऐलोपैथिक चिकित्सक को अवश्य बता दें,।

डॉ. ए. के. द्विवेदी
बीएचएमएस, एमडी (होम्यो)
प्रोफेसर, एसकेआरपी गुजराती होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, इंदौर
संचालक, एडवांस्ड होम्यो हेल्थ सेंटर एवं होम्योपैथिक मेडिकल रिसर्च प्रा. लि., इंदौर

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