अमरीकी चिकित्सकों ने ऐलान किया है कि छोटी मात्रा में निकोटीन का नियमित सेवन करने से पार्किंसंस रोग लगने का खतरा काफी घट जाता है। निकोटीन न केवल तंबाकू के पत्तों में बल्कि टमाटर और कश्मीरी मिर्च में भी मौजूद है। इसलिये सिगरेट पीनेवाले, कश्मीरी मिर्च और टमाटर को पसंद करनेवाले लोग आम तौर पर पार्किंसंस रोग के शिकार नहीं बनते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि निकोटीन पार्किंसंस रोग के इलाज के लिये इस्तेमाल किया जा सकता है।
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