Wednesday, 8 October 2014

अस्थियों में वज्र तेज होता है


जब देवलोक पर वृत्रासुर नामक राक्षस ने अधिकार जमा लिया था तब उसको मारने के लिए महर्षि दधिचि ने अपनी अस्थियां देवताओं को दान किया था क्योंकि उनकी अस्थियों में ही वह ब्रह्मतेज था जिससे वज्र बनाकर राक्षस का संहार देवताओं द्वारा किया जा सका, क्योंकि उसने अस्त्र-शस्त्र पर विजय हासिल कर रखी थी।
हमारा शरीर अस्थियों से मिलकर बना होता है, इन अस्थियों के सहारे ही हम एक स्थान से दूसरे स्थान तक जा सकते हैं। उम्र ढलने के साथ-साथ हमारी अस्थियां कमजोर होने लगती हैं। आवश्यकता है इन अस्थियों को मजबूत बनाकर लम्बे समय तक रोगों से बचाए रखने की।
अत: इस आधुनिक युग में भी कितने भी भौतिक साधन जुटा लिए जाएं परन्तु बिना अस्थियों के मजबुती के एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्वयं जा पाना मुश्किल कार्य है।
- डॉ. ए.के. द्विवेदी

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