आजकल कई लोगों को शुगर की प्रॉब्लम है एवं इसी वजह से उन्हें खान-पान में काफी ज्यादा सावधानी बरतने की जरुरत होती है। जब भी कभी कोई स्वीट डिश बने या फिर किसी अन्य तरह के पकवान तो मजाल है कि कोई उन्हें स्वाद चखने के लिए बोल दे। आज कई लोग ऐसे है जो डायबिटीज की वजह से घुट-घुट कर जी रहे हैं।
लम्बी चौड़ी दवाइयों की लिस्ट के साथ आज डॉक्टर रोगियों को कुर्मासन करने की भी सलाह देते हैं। यकीन मानिये कुर्मासन योग के नियमित उपयोग से डायबिटीज के साथ-साथ पेट के अन्य विकारों से भी काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है।
कुर्मासन योग कैसे करें
(1) इस आसन को करने से पहले सबसे पहले बज्रासन के अवस्था में बैठ जाये। इसके बाद अपनी कोहनियों को नाभि के दोनों और लगाये एवं हथेलियों को मिलाकर ऊपर की और सीधा करके ऊपर उठाये।
(2) इसके बाद हलकी-हलकी श्वास छोड़ते हुए सामने की और झुके तथा
(3) अपनी ठोड़ी को जमीन पर टिका दें।
(4 इस दौरान नजर सामने की ओर बनाये रखें तथा हथेली को ठोड़ी अथवा गालो से स्पर्श कराकर रखें।
(5) कुछ देर तक इसी अवस्था में बने रहें एवं बाद में हलके-हलके श्वास छोड़ते हुए दोबारा वज्रासन की अवस्था में लौट आये। कुछ देर बाद दोबारा कोशिश करें।
कुर्मासन योग के फायदे
(1) ये आसन डायबिटीज से पीडि़त के लिए रामबाण के रूप में काम करती है।
(2) इससे पेट के लीवर, किडनी एवं पैंक्रियास को मजबूत बनाये रखने में सहायता मिलती है जिससे की पेट की पाचन सम्बंधित विकार नहीं पनपते।
(3) पैर, पीठ एवं मेरुदंड की हड्डियों में खिचाव लाकर ये आसन शरीर को फ्लेक्सिबल बनाये रखने में काफी मदद करता है।
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