उत्कटा का अर्थ होता है शक्तिशाली। यह एक ऐसी योग क्रिया है जिसको करने से शरीर आकार कुर्सी के समान बन जाता है। उत्कटासन एक सबसे आसान योग क्रिया है जिसे बच्चे भी आराम से कर सकते हैं।
यह आसान पेट के लिये काफी अच्छा माना जाता है। अगर आपको अपच, कब्ज या एसिडिटी की समस्या है तो, आपको यह आसान रोजाना करना चाहिये। योग के नियमित प्रयास से कमर या पीठ दर्द ख़ासकर साइटिका और स्लिप डिस्क की संभावना नहीं रहती। ध्यान रहे कि जिन्हें पहले से दर्द हो उन्हें खड़े होने वाले यह आसन नहीं करने चाहिए।
उत्कटासन के लाभ
- इस आसन को करने से शरीर में स्फूर्ति और ऊर्जा बढ़ती है।
- इससे पैरों की एडयि़ां तथा मासपेशियां मजबूत बनती हैं।
- पेट का मोटापा घटता है, रीढ़ की हड्डी मजबूत बनती है, गठिया, साईटिका और पैरों की छोटी-मोटी बीमारियां दूर होती है।
- पेट की बीमारियां जैसे, अपच, कब्ज, एसिडिटी आदि भी दूर होती है।
- अगर आप के पैरों में अधिक चलने से दर्द होता हो तो, वह भी ठीक हो जाता है।
उत्कटासन की विधि
इस आसन को करने के लिये सीधे खड़ें हो जाएं, अपने हाथों को सामने की ओर फैला कर सीधा कर के रखें। अब कुर्सी के आकार में पोज बनाते हुए अपने घुटनों को मोड़ें। उसके बाद धीरे से सामान्य अवस्था में आ जाएं। इसको करते वक्त अपनी एडयि़ों को भी ऊपर की ओर उठाना चाहिये, लेकिन अगर आप ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो कोई बात नहीं है। इस अवस्था में 1 मिनट तक रूके। इस क्रिया को 5 से 10 मिनट तक करें।योग के नियमित प्रयास से कमर या पीठ दर्द ख़ासकर साइटिका और स्लिप डिस्क की संभावना नहीं रहती।
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