बालों में सफेदी आना एक प्राकृति प्रक्रिया है। लेकिन उम्र से पहले यदि बाल सफेद होने लगते हैं तो इसे एक समस्या मानना चाहिए।
असमय सफेदी के कई कारण हो सकते हैं। शरीर में आवश्यतक पोषक तत्वों की कमी स्त्रियों में मुख्य रूप से रक्तल्पता, कोई बीमारी जो लंबे समय तक रही हो, कुछ ऐलोपैथी दवाइयों भी असमय सफेदी का कारण हो सकती है।
प्रायः लोग असयम सफेदी की स्थिति में बालों में मेहंदी लगाते हैं। मेहंदी कौनसी लें और इसमें कौन सी जड़ी-बूटियां डालें, इस बारे में कोई जानकारी नहीं होती। मेहंदी का मिश्रण यदि संतुलित न हो तो बालों में रुखापन आ सकता है अथवा सफेदी बढ़ भी सकती है।अक्सर लोग विभिन्न जड़ी-बूटियां उचित मात्रा का ध्यान रखे बिना अंदाज से डाल देते हैं। यह भी याद रखना जरूरी है कि जो जड़ी-बूटियां बाजार से ली जा रही हैं वे अधिक पुरानी न हों। जड़ी-बूटियों की भी एक्सपायरी डेट होती है लेकिन अभी हमारे देश में इस दिशा में अधिक शोध नहीं हुए हैं। बाजार में किराने की दुकानों में जड़ी-बूटियां कब से हैं इसकी कोई जानकारी नहीं मिलती। इसी तरह घर में भी अधिक समय तक इन्हें नहीं रखा जा सकता। अक्सर बाजार में मिलने वाली काली मेहंदी को लोग सुरक्षित मान लेते हैं। यह हमेशा सुरिक्षत नहीं होती क्योंकि निर्माता अक्सर इसमें घातक रसायन मिलाते हैं।
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