इंदौर। आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली से जहां युवा वर्ग के स्वास्थ्य को प्रभावित किया है। वहीं 40 वर्ष की आयु पार कर गए लोगों को सेहत व स्वास्थ्य के प्रति सतर्कता बरतने की भी जरूरत है। उम्र के एक पड़ाव के बाद शारीरिक समस्याएं होने लगती है और जिम्मेदारियों व जीवन की भागदौड़ के बीच व्यक्ति उसे नजरअंदाज करता है। लेकिन ऐसा करना ठीक नहीं है। क्योंकि 40 की उम्र के बाद शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी होना शुरू हो जाती है और शरीर कमजोर पड़ जाता है। इससे स्वास्थ्य बिगड़ना शुरू हो जाता है। यदि आप लंबे समय तक बीमारियों से दूर रहना चाहते हैं तो आपको समय-समय पर सेहत के प्रति सावधान रहते हुए प्राथमिकता पर कुछ मेडिकल टेस्ट करवाना चाहिए।
ब्लड शुगर टेस्टः ब्लड शुगर व्यक्ति के शरीर को धीरे-धीरे खोखला कर देता है। भले ही आपको डायबिटीज हो या नहीं, भले घर में किसी को यह बीमारी न हो, लेकिन 40 की उम्र के बाद आपको समय-समय पर अपना ब्लड शुगर लेवल चेक करवाते रहना चाहिए। यह टेस्ट आपके मेटाबॉलिक सिंड्रोम का पता लगाने में मदद करता है। इससे आपको अपनी जीवनशैली में किसी विकार का पता लगाने में मदद मिलती है और आप ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रख सकते हैं.
ब्लड प्रेशरः भले आप महिला हों या पुरुष, अगर आपकी उम्र 40 से अधिक है तो आपको नियमित तौर पर अपना ब्लड प्रेशर चेक करवाते रहना चाहिए। जानकारी के लिए बता दें कि ब्लड प्रेशर के शिकार 80 फीसद से ज्यादा लोगों को इसका कोई लक्षण नहीं दिखाई देता। टेस्ट के जरिए ही आपको ब्लड प्रेशर के बारे में जानकारी मिलती है। टेस्ट न कराने पर ब्लड प्रेशर की वजह से आपकी जान को भी खतरा हो सकता है.
कार्डियक इवेलुएशन टेस्टः आपको अपने दिल की हर हलचल के बारे में जानकारी रखने के लिए कार्डियक इवेलुएशन की जरूरत होती है। दिल से जुड़ी यह जांच आपको अपने दिल के स्वास्थ्य के बारे में सही समय पर जानकारी दे सकती है। इस टेस्ट में कॉलेस्ट्रॉल लेवल की भी जांच होती है। कॉलेस्ट्रॉल का स्तर गड़बड़ होने पर उसे ठीक किए जाने की जरूरत होती है, ताकि रक्त वाहिकाओं में प्लाक जमा न होने पाए।
आस्टियोपोरोसिस टेस्टः आपने कई बार सुना होगा और पढ़ा होगा कि 40 की उम्र के बाद हड्डियां कमजोर हो जाती हैं लेकिन आपकी हड्डियों की जांच के लिए आपको ऑस्टियोपोरोसिस टेस्ट की जरूर होती है। इस टेस्ट के जरिए आपकी हड्डियों की कमजोरी का पता लगाया जाता है। इसके साथ ही शरीर में विटामिन-डी की कमी का भी पता लगाया जाता है। अगर विटामिन-डी की कमी है तो कैल्शियम का अवशोषण ठीक से नहीं होता है और हड्डियों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए कैल्शियम बहुत आवश्यक है।
कैंसर टेस्टः 40 की उम्र के बाद कैंसर की जांच भी करवाते रहनी चाहिए। कैंसर की बात करें तो इस सूची में प्रोस्टेट कैंसर प्रमुख है। 40 की उम्र के बाद सीरम पीएसए सबसे जरूरी टेस्ट है। लंग कैंसर की जांच के लिए एक्स-रे, कोलोरेक्टल कैंसर की जांच के लिए साल में कम से कम एक बार मल जांच और ब्लड कैंसर के लिए तीन से पांच साल में एक बार जांच करवाना जरूरी है।
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