कई डॉक्टर्स से इलाज से कर दिया था मना, होम्योपैथिक उपचार वरदान साबित हुआ
बीमारी की वजह से स्कूलों वालों ने आने भी कर दिया था मना, इससे मानिसक आघात होने का था खतरा
इंदौर । दुनिया में कई तरह के लोग होते हैं, जिन्हें कई तरह की अजीबोगरीब बीमारियां रहती है। कुछ बीमारी ऐसी सामने आ जाती है जो मेडिकल साइंस को भी हैरान कर देती है। इसी तरह की अजीब बीमारी का मामला इंदौर में सामने आया है जिसने दुनियाभर के डॉक्टर्स को परेशान कर दिया है। इंदौर की रहने वाली 17 वर्षीय एक लड़की के शरीर से पसीने की जगह खून निकलता था।। जी हां, किसी तरह की फिजिकल एक्टिविटी करने के बाद इस लड़की के माथे से लेकर हथेलियों तक से खून निकलने लगता था। जिसका उपचार इंदौर के होम्योपैथिक स्पेशलिस्ट डॉ. एके द्विवेदी ने मात्र 30 हजार रुपए के खर्च में कर दिया और और इस बालिका को इस अजीबोगरीब बीमारी से मुक्ति दिलवा दी।
कई डॉक्टर्स को बताने के बाद भी नहीं हुआ आराम, पोड़सी इसे मानते थे देवी का प्रकोप
लड़की की इस बीमारी को लेकर परिजन काफी परेशान हो गए थे, क्योंकि किसी भी समय बच्ची को पसीने की जगह खून आना शुरू हो जाता था। परिजनों ने बताया कि सबसे अजीब बात ये हो गई कि पड़ोसी इससे देवी प्रकोप मानकर झाड़-फूंक करने की बात करते थे। वहीं परिजनों ने बच्ची के इलाज के लिए कई विशेष डॉक्टर्स को भी दिखाया लेकिन किसी तरह का आराम बच्ची को नहीं मिला। वहीं स्कूल के प्रिंसिपल ने भी लड़की को स्कूल आने से मना कर दिया जिसके बाद बच्ची को मानिसक आघात पहुंचने का खतरा भी परिजनों को हो रहा था।
हेमैटोहाइड्रोसिस बीमारी से पीड़ित थी लड़की
डॉ. एके द्विवेदी के अनुसार लड़की को हेमैटोहाइड्रोसिस नाम की एक बीमारी है, जो करोड़ों लोगों में से किसी एक में ही पाई जाती है। यह बीमारी होने के कारण लड़की के शरीर से पसीने की जगह खून निकलता था। डॉ. द्विवेदी ने बताया कि आपने देखा होगा कि लोगों को हाथ और चेहरे के साथ में पूरे शरीर में पसीना आता है। हाईड्रोसिस यानी कि साधारण पसीना ही ज्यादातर लोगों को आता है तो लोग परेशान हो जाते हैं लेकिन डॉ. एके द्विवेदी के पास फरवरी 2021 को एक ऐसा केस आया जिसमें मरीज को खून का पसीना आता है। डॉ. द्विवेदी के अनुसार इस तरह का केस देश में दिल्ली में पहले मिल चुका था जो कि एक लड़की ही थी।
खबर देखिये... https://www.youtube.com/watch?v=qJYZtJdy7nY
30 हजार रुपए से कम खर्च में होम्योपैथी से हो गया पूरा इलाज
इंदौर के डॉ. वैभव चतुर्वेदी (एमडी, सायकाइट्री) आप इंडेक्स मेडिकल कॉलेज इंदौर में प्रोफेसर भी हैं। आपने और डॉ. द्विवेदी ने मिलकर पीड़ित बच्ची से बात की और परिजनों से बात कर होम्योपैथिक के साथ सायकाइट्री पॉइंट आफ व्यू से भी देखा। डॉ. चतुर्वेदी का ऐसा मानना था कि इसमें सायकाइट्री के लक्षण नहीं दिखाई दिए। कहीं ना कहीं ब्लड रेशम में प्रेशर बढ़ जाने के चलते इस तरह की परेशानी हो रही थी। इसके बाद बच्ची को होम्योपैथिक ट्रीटमेंट शुरू किया गया। ट्रीटमेंट फरवरी 2021 में शुरू किया गया और जुलाई आते-आते उसका टेक आना बंद हो गया और नवंबर 2021 के बाद ब्लड का या किसी तरह का चेहरे का घाव नहीं हुआ। फिलहाल अभी बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है। वहीं इस पूरी अजीबोगरीब बीमारी के ठीक होने के बाद परिवार में काफी खुशी का माहौल है। खास बात यह कि मात्र 30 हजार रुपए के कम खर्च में इस खतरनाक कही जाने वाली बीमारी को काबू में कर लिया गया।
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