मधुमेह किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। यह एक जिन्दगी भर चलने वाली बिमारी है जिसमें आपके रक्त शर्करा का स्तर नार्मल से ऊंचा हो जाता है। इस बिमारी को प्रबंधित करना कठिन लग सकता है मगर मधुमेह से प्रभावित लोगों ने एक अच्छी जीवन शैली, व्यायाम, सही डाइट प्लान को पालन कर के इस बीमारी से
जीत हासिल की है। उन्होंने अपने रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य स्तर पर लाने के लिए कुछ दवाओं की भी आवश्यकता हो सकती है। अधिकांश मधुमेह रोगी अक्सर एलोपैथिक दवा का विकल्प चुनते हैं। हालांकि होम्योपैथी मधुमेह के इलाज में भी फायदेमंद हो सकती है।
डायबिटीज मेलिटस या मधुमेह दुनिया भर में एक आम बीमारी है। यह एक मेटाबोलिक डिसऑर्डर है जिसमे खून मे मौजूद ग्लूकोस की मात्रा बढ़ जाती है। मधुमेह की देखभाल महत्वपूर्ण है क्योंकि रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि आपके शरीर के विभिन्न अंगों के कामकाज को प्रभावित करती है। मधुमेह आपकी आंखों, हृदय, यकृत, पैरों और गुर्दे को प्रभावित कर सकती है। इसके साथ ही मधुमेह से अनिद्रा, तनाव, तंद्रा, रक्तचाप में उतार-चढ़ाव आदि जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
हमारे शरीर मे मौजूद इन्सुलिन ब्लड ग्लूकोस को शरीर के कोशिकायों को तक पहुंचता है जिससे शरीर मे ऊर्जा पैदा होती है इन्सुलिन की कमी या इन्सुलिन रेजिस्टेंस के कारण ब्लड ग्लूकोस की मात्रा अधिक हो जाती है। अत: शरीर में इंसुलिन का अपर्याप्त या उत्पादन नहीं होने के कारण व्यक्ति को मधुमेह हो जाता है। मधुमेह के इलाज में मदद करने वाले प्राथमिक दृष्टिकोण में जीवनशैली में बदलाव और दवाएं (एलोपैथिक, होम्योपैथिक, या हर्बल) शामिल हैं। डायबिटीज रिवर्सल मेथड मधुमेह के हजारों रोगियों के लिए फायदेमंद साबित हुई है।
मधुमेह के लक्षण
मधुमेह के कई मामलों में, शुरुआत में कोई लक्षण नहीं होते हैं। हालांकि, ऐसे मधुमेह रोगी धीरे-धीरे जटिलताओं का अनुभव करने लगते हैं। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप नियमित रूप से अपने ब्लड शुगर की जांच कराएं। मधुमेह के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं-
- थकान
- मतली
- बार-बार पेशाब आना
- प्यास और भूख में वृद्धि
- वजन घटना
- धुंधली दृष्टि (निगाह कमजोर होना)
मधुमेह का होम्योपैथिक इलाज
मधुमेह में शरीर के विभिन्न अंगों में गंभीर जटिलताएं पैदा करने की प्रवृत्ति होती है। मधुमेह के लिए होम्योपैथिक उपचार एक समग्र दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है। यह मधुमेह के इलाज के लिए एक गैर-पारंपरिक चिकित्सा है। आम तौर पर रोगी का एक लंबा और गहन शारीरिक और मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन उपयुक्त दवा लिखने में मदद करता है। हालांकि, मधुमेह का शायद ही कोई अन्य उपचार इन मूल्यांकनों पर विचार करता हो। होम्योपैथी का उपचार रोगी के स्वस्थ की जानकारी पर निर्भर करता है।
होम्योपैथी : मधुमेह रोगियों के लिए यह तुरंत का माध्यम नहीं
यदि आप तत्काल चिकित्सा की तलाश में हैं या अपने रक्त शर्करा के स्तर को तुरंत नियंत्रित करना चाहते हैं, तो होम्योपैथी उपचार चुनना एक अच्छा विचार नहीं है। होम्योपैथी उपचार को आपकी स्वास्थ्य स्थिति पर प्रभाव दिखाने के लिए कुछ समय चाहिए। मधुमेह को पूरी तरह से ठीक होने में लंबा समय लग सकता है। ऐसे मामलों में होम्योपैथी उपचार मधुमेह की जटिलताओं को रोकने में मदद करता हैं। आप कुछ हफ्तों से लेकर कुछ महीनों में परिणाम देखने की उ्मीद कर सकते हैं। यदि आप त्वरित परिणामों की अपेक्षा कर रहे हैं, तो आप पारंपरिक दवाओं के पूरक के रूप में होम्योपैथी दवाओं का उपयोग कर सकते हैं या होम्योपैथी दवाओं और मधुमेह उत्क्रमण कार्यक्रम को एक साथ जोड़ सकते हैं ताकि मधुमेह उत्क्रमण चिकित्सा में तेजी लाई जा सके।
होम्योपैथिक चिकित्सक व केन्द्रीय होम्योपैथिक अनुसन्धान परिषद्, आयुष मंत्रालय (भारत सरकार) में वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड के सदस्य डॉ. ए.के. द्विवेदी के अनुसार होम्योपैथी उपचार प्राकृतिक हैं क्योंकि इस पद्धति में खनिजों, पौधों और जानवरों के अर्क का इस्तेमाल करके दवाएं बनती हैं। होम्योपैथी सिद्धांत के अनुसार, किसी पदार्थ के तनु रूप में उसकी अधिकांश चिकित्सीय शक्ति होती है। इसलिए, डॉक्टर मधुमेह के रोगियों को अधिकांश होम्योपैथी दवाओं को को घुलने के बाद इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। होम्योपैथी उपचार के लिए प्राकृतिक पदार्थ घुलने की प्रक्रिया से गुजरता है जब तक कि इसमें मूल प्राकृतिक पदार्थ का केवल एक अंश न हो।
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